प्रार्थना
हे साईं, ये क्या हो गया है हमें? हम क्यूँ इतने किन्कर्ताव्यविमुढ़, लापरवाह, और स्वार्थी हो गए है बाबा? जहाँ देखो वहां दुःख है. हर कोई परेशान है. कोई जॉब के लिए, कोई बच्चो के लिए, कोई गर्लफ्रेंड के लिए कोई बवायफैंड के लिए, और कोई शादी के लिए… हम सभी इन सांसारिक आसक्तियों में इतने फस गए उलझ गए है की इनसे बाहर निकलने का रास्ता हमे नहीं मिल रहा है मालिक. हम अपने कर्त्तव्य पथ से भटक गए है देवा हम पर दया करो बाबा. हमारा मार्गदर्शन करो प्रभु. हे इश्वर आपकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता, आपकी कृपा के बिना कोई सुखी नहीं है बाबा. इतना तो करो साईं की हमे ये सहस दो की हम इन कठिनाइयों से लड़ सके और खुद को इन परेशानियों से बाहर निकाल सके.. देवा ये तो सच है की हम मनुष्य बड़े ही स्वार्थी है सुख में आपकी कृपा भूल जाते पर दुःख आते ही साड़ी अच्छी बातें भूल कर आपको दोष देने लगते है. बाबा हमें नादाँ जान कर क्षमा करो. बाबा हमारे पापो का नाश करो और जाने अनजाने में हुयी भूल क्षमा करो, जो कुछ भी गुस्से में आकर आपसे कहा उसके लिए हमे क्षमा करो. हे प्रभु हमारी सारी बुराइयों और कुविचारों का नाश करो और अपने चरणों की शीतल छाया में स्थान दो. प्रभु हमारे अशांत मन् को शांति दो और जो तरह-तरह के प्रश्न हमारे मन में उठ रहे है उनका हल दो . हे प्रभु इस संसार में सभी को अपना दुःख सबसे बड़ा लगता है और दूसरा सबसे सुखी लगता है पर हम ये भूल जाते है की इस दुनिया पूरा सुखी कोई नहीं है उसे भी कोई न कोई दुःख अवश्य है और हमसे भी दुखी लोग इस संसार में जी रहे है. बाबा दुसरो को खुश देख कर हमारे मन में जलन होती है उसका नाश करो और हमे ऐसी दृष्टि दो की हम दुसरो की तकलीफों को समझ कर उनकी मदद करे. हे प्रभु हम ये जानते है की दुःख बाटने से कम होता है और सुख बाटने से खुशिया दोगुनी बढ़ जाती है, हे मालिक दया करो की हमारे मन् से ये पाप वृतियां नष्ट हो जाये, इर्ष्या-जलन, दवेश, बैर, क्रोध, लालच, स्वार्थ, घृणा, अंहकार आदि दुश्प्रविर्तियाँ हम पर हावी न हो और आपकी धुनी में जल कर भस्म हो जाये. आपकी कृपा से हमें सादबुधि, सद्भावना, सद्विचार, ज्ञान, दया, करुना, क्षमा, प्रेम, बंधुत्व, और असक्तिराहित मन्, आदि सदगुण प्राप्त हो. हम खुद भी आपके दिखाये रास्तों पर चलने की कोशिश करेंगे और गरीब और दुखी लोगो की मदद करेंगे, मुख से कभी कटु वचन नहीं बोलेंगे, किसी को कभी दुःख नहीं देंगे, सदैव आपकी लीलयों का आपके चमत्कारों का स्मरण करेंगे, आपकी लीलायों का पाठ करेंगे, आपकी लीलाये सुनेगे, आपकी लीलाये दुसरो को भी बताएँगे और जो हमारी तरह भटक गए है या दुखी है उनको सही रास्ता दिखयेंगे. हम व्यर्थ विलाप नहीं करेंगे, अपने जो मानव सेवा करने का पाठ हमें पढाया है हम उसे अपने आचरण में लाने की कोशिश करेगे. हे प्रभु हमारे मन् को निर्मल कर दो, हमें शांति दो, हमें शांति दो..!
हम जानते है जब तक हमारा ह्रदय शुद्ध और पवित्र नहीं होगा आप उसमे आ कर नहीं रहोगे न ही हमारा मार्ग दर्शन करोगे. हम खुद को बदलना चाहते है आप हमारी मदद करो बाबा. हमसे जाने अनजाने, इस जनम में या पिचले जनम में जो भी पाप कर्म हुए है उनके लिए हमें क्षमा करो. हे ईश्वर सदैव हमारे हृदये में आप विराजमान हो हमारा मार्गदर्शन करने की कृपा करो. जिसका कोई नहीं होता उसके आप होते हो, हमें अपनी शरण में ले लो बाबा हमारा आपके सिवा कोई नहीं है. . आप हमें थम लोगे तो हमारा जीवन सफल हो जायेगा… जाने आपने कितने लोगो पर कृपा की है हम पर भी दया करो. . आप ही हमारे माता-पिता, भाई-बहन, मित्र, गुरु, सब कुछ हो. . हमने अब खुद को और अपनी चिन्ताओ को आपको सौप दिया है, आप हमारी रक्षा करो… हमारा विशवास आप पर से कभी ना टूटे और आपकी रहमत सदा हम पर बरसती रहे…. हम आपको कभी ना भूले. हम सदा आपसे प्यार करेंगे और हर प्राणियों (मनुष्य, पशु, पक्षी आदि जीव् जन्तुओ) में आपको ही देखेंगे और उनसे भी प्रेम करेंगे और उनकी सेवा/सहायता करेंगे. . हमारा आत्मविश्वास कभी कम ना हो हम जब भी हारे आप हमारे साथ रहो ताकि हम दूसरी बार जीत जाये. . दया करना प्रभु की हम कभी आपको न भूले. हे प्रभु अपने कहा है की "जो मनुष्य दुसरो को कष्ट देता है वो आपको दुख्व पहुचता है वहीँ जो स्वयं कष्ट सहता है आप उससे अत्यधिक प्रेम करते हो". हम कष्ट सहेंगे देवा क्यूंकि हमें आपका प्रेम चाहिए बाकि सब तो झूट है केवल आप और आप ही सताया हो…
दया करो प्रभु, हमें क्षमा करो, हम पर कृपा करो…
श्री अनंत कोटि ब्रम्हांड नायक महाराजाधिराज योगिराज परब्रम्ह श्री सचिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय !