जय सांई राम।।।
ये तो सच है कि भगवान है,
है मगर फिर भी अनजान है,
धरती पे रुप माँ बाप का,
उस विघाता की पहचान है....
जन्मदाता है जो, नाम जिनसे मिला
थामकर जिनकी उंगली है बचपन चला
कन्धे पर बैठके, जिनके देखा जँहा,
घ्यान जिनसे मिल क्या बुरा क्या भला
इतने उपकार हैं क्या कहैं
ये बताना ना आसान है,
धरती पे रूप माँ बाप का,
उस विधाता की पहचान है....
जन्म देती है जो, माँ जिसे जग कहे,
अपनी सन्तान में, प्राण जिसके रहें
लोरियाँ होंठों पर, सपने बुनती नज़र,
नीन्द जो वार दे, हंसके हर दुख सहे,
ममता के रुप में है प्रभु,
आपसे पाया वरदान है,
धरती पे रूप माँ बाप का,
उस विधाता की पहचान है.....
आपके ख्वाब हम, आज होकर जवाँ
उस प्रेम शक्ति से करते है प्रार्थना,
उनकी छाया रहे, रहती दुनिया तलक,
ऐक पल रह सके हम ना जिनके बिना,
आप दोनो सलामत रहैं
सबके दिल में यह अरमान है
धरती पे रूप माँ बाप का,
उस विधाता की पहचान है,
ये तो सच है कि भगवान है....
ॐ सांई राम।।।