ऊँ श्री साईंनाथाय नमः
बाबा, हम सबके पालनहार, दुखियों के दुखों को क्षण में हरने वाले, तुम तो अंतरयामी हो। सर्वज्ञ हो, और हम सबकी क़िस्मत बदलने में सर्वथा सक्षम हो।
तुम दाता हो नाथ और मैं भिखारी, भर दो मेरी भी झोली इस बारी। मैं बड़ा लाचार, दीन और दुखी हूँ मेरे साईं। अपनी कृपा बरसा दो बाबा, एक बार मेरे सर पे भी दया का हाँथ रख दो। बाबा बहुत परेशान हो गया हूँ अब सहते सहते। अब तुम ही करो कुछ मेरे साईं।
क्षमा करो, दया करो, कृपा करो ओ साईं ।