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जय सांई राम।।।
आज से मै "इतनी शक्ति हमें देना बाबा" के नाम से यह नई प्रार्थना आरम्भ कर रहा हूँ।
इतनी शक्ति हमें देना बाबा
मन का विश्वास कमज़ोर हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न
हर तरफ़ ज़ुल्म है, बेबसी है
सहमा सहमा-सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अँत हो न
हम चलें...
दूर अज्ञान के हों अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचते रहें हम
जितनी भी दे भली ज़िन्दग़ी दे
बैर हो न, किसी का किसी से
भवना मन में बदले की हो न
हम चलें...
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा का जल तू बहाकर
करदे पावन हरेक मनका कोना
हम चलें...
हम अँधेरे मे हैं रौशनी दे
खो न दें खुद को ही दुश्मनी से
हम सज़ा पायें अपने किये की
मौत भी हो तो सह लें खुशी से
कल जो गुज़रा है फिर से न गुज़रे
आनेवाला वो कल ऐसा हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न
इतनी शक्ति हमें देना बाबा
मन का विश्वास कमज़ोर हो न
मेरा सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा मेरा सांई
ॐ सांई राम।।।
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Thanks ramesh ji for the nice text..
i am downloading this song now....:)
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OM SRI SAI RAM
om sai om sai om sai om sai om sai
om sai om sai om sai om sai om sai
om sai om sai om sai om sai om sai
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Very nice
jai sai ram
jai sai ram
jai sai ram
jai sai ram
jai sia ram
Hemali.
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Beautiful Ramesh Bhai
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जय सांई राम।।।
जब तक के हैं आकाश पे चाँद और सितारे,
बाबा सलामत रहें माँ बाप हमारे ।
माँ बाप का दिल है किसी तीरथ से भी प्यारा,
हँस हँस के उठाते हैं वो दुख दर्द हमारा,
फ़िर क्यों न हर एक साँस दुआ बन के पुकारे,
बाबा सलामत रहें माँ बाप हमारे ।
कहते हैं के माँ बाप का दिल जिसने दुखाया,
शिरडी मे बैठे मेरे बाबा को भी उसने रुलाया,
दुनिया की हर एक चीज से माँ बाप हैं प्यारे,
बाबा सलामत रहें माँ बाप हमारे ।
जब तक के हैं आकाश पे चाँद और सितारे,
बाबा से दुआ मांगो कि सलामत रहें माँ बाप हमारे ।
बाबा, इस फोरम के हर छोटे बड़े बच्चों को इतनी समझ और शक्ति देना कि वो अपने माता पिता और बुर्जुगों का हमेशा आदर करे और कभी किसी बात से उनका दिल ना दुखाऐ। मेरे बाबा उन बच्चों के साथ हमेशा रहते है जो अपने माता-पिता का सम्मान करते है।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा मेरा सांई
ॐ सांई राम।।।
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Jai Sai Ram.
Bhai ji, Apki shabdon mey jo bhaav hai, vo prarthana sey kai adhik hai..Baba sey yehi prarthana hai ki humari taraf sey kabhi kissi ka dil naa dukhey aur khaas kar Mata Pitaji kaa.... Sabko aisi sadbuddhi mile.
जब तक के हैं आकाश पे चाँद और सितारे,
बाबा से दुआ मांगो कि सलामत रहें माँ बाप हमारे ।
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जय सांई राम।।।
कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। हमें सांई भक्ति का असीम आनंद चाहिए, तो फिर हमें अहंकार, दिखावा छोड़ देना चाहिए। आपके मन मे अहंकार और सांई भक्तिभाव एक साथ नही रह सकते, दोनो मे से एक रह सकता है। किसको जगह देनी है, आपको तय करना है। अहंकार दुख देने वाला अंधकार है और सांई भक्तिभाव सुख का प्रकाश है। दुखों से हार के, दुखों के डर से आप सांई भक्ति की तरफ मत आओ। स्वयं प्रेरणा से, बड़े प्रेम से, लगन से आप सांई भक्ति मार्ग पर चलते रहो। इक दिन सांई स्वयं आपके होगें - आप सांई के होंगे। सांई भक्ति का अनुभव कुछ निराला है, दिव्य है। स्वयं अनुभव ले लें।
यदि भाई की मानों तो बाबा सांई के मामले मे देखा देखी बिलकुल ना करना और इससे भी सबसे मुख्य बात - बाबा के चमत्कारों के चक्कर में तो कभी बिलकुल ना पड़ना। अगर आप सच्चे मन से, पूरी निष्ठा से सांई के बन जायें, तो फिर समझ लेना फिर कुछ पाने के लिए आपको कोई इच्छा भी नही रहेगी। आपको अपने नसीब का सांई खुद-ब-खुद देगें। इक सांई मिल गये, तो समझना सारा जंहा मिल गया। इससे बड़ा कोई और दूसरा चमत्कार फिर आपको देखने की इच्छा ही नही रहेगी।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।
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jai sai ram
jai sai ram
jai sai ram
jai sai ram
jai sai ram
Hemali.
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jai sai
very good .................
om sai shri sai
"om shirdi vasaya vidamahy sachidanaindaya"
dheimahei tanvou sai prachvodaya"
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OM SAI NAMOH NAMAH
OM SAI NAMOH NAMAH
OM SAI NAMOH NAMAH
OM SAI NAMOH NAMAH
OM SAI NAMOH NAMAH
OM SAI NAMOH NAMAH
OM SAI NAMOH NAMAH
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जय सांई राम।।।
एक बार एक संत प्रार्थना कर रहे थे। इस बीच उनके कुछ शिष्य भी वहां आ गए। पहले संत ने सारी मानव जाति के कल्याण के लिए प्रार्थना की फिर हाथ जोड़कर बोले, 'हे परमपिता, तू दुष्टों को सद्बुद्धि प्रदान कर। उनको सही रास्ता दिखा ताकि वे दुष्ट कर्म करना छोड़ दें। प्रभु उन राह भटके लोगों पर विशेष दया कर।'
प्रार्थना समाप्त होने पर एक शिष्य ने हैरान होकर पूछा, 'गुरुवर, संत तो अच्छे लोगों के कल्याण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। आज मैंने आपको दुष्टों के कल्याण के लिए प्रार्थना करते देखा।' संत ने मुस्कराते हुए कहा, 'अच्छे कार्य करने वाले तो स्वयं ही ईश्वर की दया और स्नेह के अधिकारी होते हैं। वास्तव में प्रार्थना तो बुरे लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए करनी चाहिए, जिससे वे दुष्ट कर्म छोड़कर अच्छे कार्यों में लग जाएं।'
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।
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जय सांई राम।।।
मुझे समझाये खुदा भी आके खुद,
ए-दिल अपना सब खोके क्या रहा तेरे खुद का वजूद,
बस यूँही उनकी यादों में कटेगी अब जिन्दगी,
मुसकरायेगे गम़ों मे करते रहेंगे बन्दगी अपने यार की।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।
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om sai ram...
sai....shradha aur saburi....
mere dil main tu ..
mere lab pe tu...
mere tan ke rom rom main tu...
tujhe paa saku o mere SAI...
bas yhe hai ab mere aarzoo...
sai sai sai sai sai sai sai sai sai sai ...
sai sai sai sai sai sai sai sai sai sai ...
jai sai ram...
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OMSAI NAMO NAMAH
SRISAI NAMO NAMAH
JAIJAI SAI NAMO NAMAH
SADGURU SAI NAMO NAMAH
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जय सांई राम।।।
मुक्ति के लिए विषय भोगों का त्याग जरूरी
विष को खाकर मनुष्य बच भी जाता है पर विषय-भोगी तो भोगते-भोगते स्वयं ही भुगत जाता है। यह सब जानते हुए भी मनुष्य भोगों से नहीं हटता। यदि मनुष्य इस संसार के चक्र से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे विषय भोगों के मोह को त्यागना होगा।
इस दृष्टि से हर वस्तु, व्यक्ति, अवस्था और परिस्थिति निरंतर हमारा त्याग कर रहे हैं। यदि अपनी ओर से उनकी ममता और कामना का त्याग कर दिया जाए तो हमें उनकी याद नहीं आएगी। हमें दुख भले ही अरुचिकर लगे मगर ये आने वाले सुख के प्रतीक माने जाते हैं। मनुष्य के विकास के लिए जीवन में दुखों का आना जरूरी होता है, क्योंकि दुखों के समय ही मनुष्य के मन में उनसे लड़कर तरक्की करने की इच्छा पैदा होती है। हम सब इतना साधन जानते हैं जितना इस जीवन में कर ही नहीं सकते और जितना करने की आवश्यकता भी नहीं है हमारी जो रुचि साधक संबंधी चर्चा सुनने में है वह रुचि साधन करने में नहीं है। हमारी शक्ति तो सीमित ही है। यदि इस सीमित शक्ति को हमने साधन की चर्चा में ही व्यय कर दिया तो फिर साधन करने के लिए सामर्थ्य कहां से आएगा। मन की कोई स्वतंत्र सत्ता नहीं होती। अपनी पसंद के प्रभाव का समूह ही मन है जिसे हम पसंद करते हैं उसके साथ हमारा मन लग जाता है और जिसे हम नापसंद करते हैं वहां से मन हट जाता है। कमी होते हुए कमी का अनुभव न करना परम भूल है क्योंकि इस भूल से ही सभी भूलें उत्पन्न होती है। बाबा का सच्चा साधक जो सुनता है उसे अपने जीवन में उतार लेता है।
चिंता रहित होते ही साधक इंद्रियां अविषय हो जाती हैं। मन निर्विकल्प हो जाता है और बुद्धि सम हो जाती है। तब भोग योग में और मोह बोध में बदल जाता है जो अज्ञान को खाकर अविनाशी चिन्मय-रसरूप जीवन से अभिन्न कर देता है। आओ सब मिलकर बाबा सांई से यही दुआ मांगें कि वो हमे ऐसी शक्ति प्रदान करे कि हम अपने अविनाशी चिन्मय-रसरूप जीवन को हमेशा याद रखें।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।
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JAI SAI RAM.
Lab pe aati hai ban dua ke tamanna meri
Zindagi shama ki soorat ho khudaaya meri.
Door duniya ka mere dum se andhera ho jaye
Har jagaah mere chamakne se ujaala ho jaaye.
Ho mera kaam gareebo(n) ki himaayat karna
Dardmando se zarifo se mohabbat karna.
Mere allah buraayi se bachaana mujko
Nek jo raah ho us raah pe chalaana mujko.
OM SAI RAM.
जय सांई राम।।।
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा का जल तू बहाकर
करदे पावन हरेक मनका कोना
हम चलें...
हम अँधेरे मे हैं रौशनी दे
खो न दें खुद को ही दुश्मनी से
हम सज़ा पायें अपने किये की
मौत भी हो तो सह लें खुशी से
कल जो गुज़रा है फिर से न गुज़रे
आनेवाला वो कल ऐसा हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न
इतनी शक्ति हमें देना बाबा
मन का विश्वास कमज़ोर हो न
मेरा सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा मेरा सांई
ॐ सांई राम।।।
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Jai Sai Ram.
Performance of Pujas definitely helps shape our present Karma but it can never affect our destiny. However much we may pray but if our Karma is contrary to our praying then by our performance of bad Karma all the time will make the prayers ineffective. Prayers and Karma complement each other. Our praying and performance of Karma must never clash with one other rather each must complement the other. We must always remember that Praying, Pujas and wearing of gems may provide temporary relief only sometimes but if we need to permanently take control of our destiny then we need to neutralize the negative effects of bad Karma performed in the earlier lives. In other words we have to neutralize the affect of the negative prarabdha Karma without which bad luck always awaits us in the present manifestation. - this is a section with little modification from http://www.vijaykumar.org/good_and_bad_karma.html
May Sai bless all of us so we perform our duties/karmas in line with our prayers.
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जय सांई राम।।।
पाने से खोने का मज़ा कुछ ओर है....
बन्द आंखों मे रोने का मज़ा कुछ ओर है....
आंसू बने लफ्ज़....और लफ्ज़ बनी गज़ल और....
उस गज़ल में 'तेरे' होने का मज़ा कुछ ओर है...
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।
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जय सांई राम।।।
हे सांई!
जो भी दे सकते हो
देना, पर
जो साथ हमारे जाती हो
वह सबसे पहले देना !
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।
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जय सांई राम।।।
हे सांई!
जो भी दे सकते हो
देना, पर
जो साथ हमारे जाती हो
वह सबसे पहले देना !
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।
ॐ सांई राम~~~
चाह जिसे कहते है , बच्चे का खिलौना हैं,
मिल जाए तो मिट्टी है , खो जाए तो सोना हैं....
जय सांई राम~~~
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Dear Ramesh ji,
Om SAi Ram
i am really impressed by your thought process. hamaare parents hammare liye kitna kuch karte hai, agar iske badle mein hum saari umar bhi unke charan dhoyen to bhi woh ehsaan nahi utaar sakte. BABA hamesha hamaare parents ko sukhi rakhen.
Rgards
Parulsai
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Very nice. Babaji ke sabhi bhakto ko rakhi mubarak. Babaji ki kirpa sab bhakto par sadha rahe aur ham sab ache marg par aghe bare.
Om shri sai nathaye namha.
Om shri sai nathaye namha.
Sai itani shakti hame dena ki jaha tak ho sake to kisi ke kaam aaye aur dusro ke chehre par muskaan la sake. babaji hame is kabil bana do ki ham kisi ke dukh ka karan na bane ho sake to kisi rote hue ko hasa sake.
Babaji itni shakti hame dena ki is sansaar mai rehte hue apne farz ko pura karte huie bhi hamre man mai hamesha aap hi ka naam ho.
Babaji itni shakti hame dena ki ham sab buraiyo se bache rahe aur aap ne hame jo ye manav janam diya hain use ham ek insaan ki tarah bitaye aur deva apki bhakti ka anaand lete rahe.
Babaji itani shaki hame dena ki is sansarik moh maya ko tayaag kar bas aap ke naam ki dun lagi rahe.
Babaji itani shakti hame dena ki ham ek ache insaan ban sake.
Mere sai aap ka shukriya jo aap ne hame itna kuch diya hai.
Om sai. Om sai. Om sai. om sai. om sai. om sai. om sai.
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OM SAINATHAYA NAMAH:
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