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Main Section => Sai Baba Spiritual Discussion Room => Topic started by: ShAivI on September 03, 2014, 05:39:04 AM

Title: SAI BABA - Know the holy places where to worship Shirdi SAI BABA
Post by: ShAivI on September 03, 2014, 05:39:04 AM
ॐ साईं राम !!!

साईं बाबा का असली नाम और गांव

महाराष्ट्र के पाथरी (पातरी) गांव में सांईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1835 को हुआ था।
कुछ लोग मानते हैं कि उनका जन्म 27 सितंबर 1838 को तत्कालीन आंध्रप्रदेश के पथरी गांव में हुआ था
और उनकी मृत्यु 28 सितंबर 1918 को शिर्डी में हुई।
खुद को सांई का अवतार मानने वाले सत्य सांई बाबा ने
बाबा का जन्म 27 सितंबर 1830 को महाराष्ट्र के पाथरी (पातरी) गांव में बताया है।
यह सत्य सांई की बात माने तो सिर्डी में सांई के आगमन के समय उनकी उम्र 23 से 25 के बीच रही होगी।

सांई के जन्म स्थान पाथरी (पातरी) पर एक मंदिर बना है।
मंदिर के अंदर सांई की आकर्षक मूर्ति रखी हुई है।
यह बाबा का निवास स्थान है, जहां पुरानी वस्तुएं जैसे बर्तन, घट्टी और देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हुई हैं।

सांई के माता पिता कौन थे? :
मंदिर के व्यवस्थापकों के अनुसार यह सांई बाबा का जन्म स्थान है।
उनके अनुसार सांई के पिता का नाम गोविंद भाऊ और माता का नाम देवकी अम्मा है।
कुछ लोग उनके पिता का नाम गंगाभाऊ बताते हैं और माता का नाम देवगिरी अम्मा।
कुछ हिन्दू परिवारों में जन्म के समय तीन नाम रखे जाते थे इसीलिए बीड़ इलाके में उनके
माता-पिता को भगवंत राव और अनुसूया अम्मा भी कहा जाता है।
वे यजुर्वेदी ब्राह्मण होकर कश्यप गोत्र के थे।
सांई के चले जाने के बाद उनके परिवार के ‍लोग शायद हैदराबाद चले गए थे
और फिर उनका कोई अता-पता नहीं चला।

साईं बाबा का असली नाम हरिबाबू भूसारी : शशिकांत शांताराम गडकरी की किताब 'सद्‍गुरु सांई दर्शन'
(एक बैरागी की स्मरण गाथा) अनुसार सांई ब्राह्मण परिवार के थे।
उनका परिवार वैष्णव ब्राह्मण यजुर्वेदी शाखा और कोशिक गोत्र का था।
उनके पिता का नाम गंगाभाऊ और माता का नाम देवकीगिरी था।
दे‍वकिगिरी के पांच पुत्र थे।
पहला पुत्र रघुपत भुसारी, दूसरा दादा भूसारी, तीसरा हरिबाबू भुसारी,
चौथा अम्बादास भुसारी और पांचवें बालवंत भुसारी थे।
सांई बाबा गंगाभाऊ और देवकी के तीसरे नंबर के पुत्र थे।
उनका नाम था हरिबाबू भूसारी।

सांई बाबा के इस जन्म स्थान के पास ही भगवान पांडुरंग का मंदिर है।
इसी मंदिर के बाईं और देवी भगवती का मंदिर है जिसे लोग सप्तश्रृंगीदेवी का रूप मानते हैं।
इसी मंदिर के पास चौधरी गली में भगवान दत्तात्रेय और सिद्ध स्वामी नरसिंह सरस्वती का भी मंदिर है,
जहां पवित्र पादुका का पूजन होता है।
लगभग सभी मराठी भाषियों में नरसिंह सरस्वती का नाम प्रसिद्ध है।

थोड़ी ही दूरी पर राजाओं के राजबाड़े हैं।
यहां से एक किलोमीटर दूर सांई बाबा का पारिवारिक मारुति मंदिर है।
सांई बाबा का परिवार हनुमान भक्त था।
वे उनके कुल देवता हैं। यह मंदिर खेतों के मध्य है,
जो मात्र एक गोल पत्थर से बना है।
यहीं पास में एक कुआं है, जहां सांई बाबा स्नान कर मारुति का पूजन करते थे।
सांई बाबा पर हनुमानजी की कृपा थी।


ॐ साईं राम, श्री साईं राम, जय जय साईं राम !!!

Source: http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-mahapurush
Title: अनदेखे साईं बाबा - साईं बाबा की सबसे बड़ी तलाश .....
Post by: ShAivI on September 03, 2014, 05:40:54 AM
अनदेखे साईं बाबा - साईं बाबा की सबसे बड़ी तलाश .....


Source: Zee News