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Author Topic: श्रद्धा और सबुरी का जीवन में मेह्तब  (Read 16650 times)

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Offline saniya

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Offline Dnarang

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sai mera ram, sai mera shyam
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Mere Sai ki Deepali

श्री साईनाथ । आपके ऋण हम किस प्रकार चुका सकेंगें । आपके श्री चरणों में हमारा बार-बार प्रणाम है । हम दीनों पर आप सदैव कृपा करते रहियेगा, क्योंकि हमारे मन में सोते-जागते हर समय न जाने क्या-क्या संकल्प-विकल्प उठा करते है । आपके भजन में ही हमारा मन मग्न हो जाये, ऐसा आर्शीवाद दीजिये ।

Baba mujh Dasi ko apne Charankamalon ki Sheetal Chaaya me Sthan de do.

Offline saniya

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Offline sairuby

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ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
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Sasmita

Offline Dnarang

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Om Sai Ram    Om Sai Ram    Om Sai Ram    Om Sai Ram
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Mere Sai ki Deepali

श्री साईनाथ । आपके ऋण हम किस प्रकार चुका सकेंगें । आपके श्री चरणों में हमारा बार-बार प्रणाम है । हम दीनों पर आप सदैव कृपा करते रहियेगा, क्योंकि हमारे मन में सोते-जागते हर समय न जाने क्या-क्या संकल्प-विकल्प उठा करते है । आपके भजन में ही हमारा मन मग्न हो जाये, ऐसा आर्शीवाद दीजिये ।

Baba mujh Dasi ko apne Charankamalon ki Sheetal Chaaya me Sthan de do.

Offline MANAV_NEHA

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हरि ॐ नमों भगवते वासुदेवाय~~~
हरि ॐ नमों भगवते वासुदेवाय~~~
हरि ॐ नमों भगवते वासुदेवाय~~~
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गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

Offline MANAV_NEHA

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प्रेम ही ईश्वर है,यह ही नशवर है,यह ही नर को नारायण से जोड़ता है
प्रेम ही बाबा का सरूप है,बाबा प्रेम की ही परिभाषा है,वो समाज में प्रेम ही तोह बाटने आए थे,उनका अहम् तत्पर्ये समाज में फेले भेद भाव को हटाकर प्रेम की ज्योत परजालित करना था,वेह चारो और प्यार बाटते चाहे हिंदू हो या मुस्लमान,सिख या ईसाई,सबको समान नज़र से देखते,सभी के सुख दुःख बाटते,अगर कोई दुखी होता तोह बाबा के समक्ष आते ही बाबा उसके दुःख हर लेते और चारो और प्रेम का वातावरण कर देते ,बाबा का यह भी कहना था कि
जितना हम प्रेम को समाज में फेलायेगे ,उतना ही अपने निकट हम मालिक को पाएंगे

इसलिए आज हम सब मिलकर यह प्रण करे की जितना हो सके दूसरो के दुःख को बाटेंगे,और सभी के मन में प्रेम का दीप जलाएँगे...ॐ साई राम               
« Last Edit: March 16, 2008, 12:15:56 AM by MANAV_NEHA »
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

Offline MANAV_NEHA

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ईश्वर से सचा प्रेम ही आस्था को जन्म देता है,सची आस्था रखने वाले को ही ईश्वर का सास्ताकार होता है

श्रद्धा और सबुरी तोह एक मार्त दो बिन्दु है जो हमारी परीक्षा का एक चिन है कि हमे अपने ईश्वर से कितना प्रेम है

उसपर कितना विश्वास है

ॐ साई राम :-*   
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

Offline sairuby

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श्रद्धा और सबुरी में बहुत गहरा सम्बन्ध है
यह दोनों ही हमे मालिक के करीब लाती है,मालिक को प्राप्त करने का यह मुख्य साधन है
श्रद्धा का अर्थ है विश्वास कि (ईश्वर मे आस्था)अगर दिल में साची श्रद्धा होती है देर से ही सही  मालिक ज़रुर सुनता है,यह नही कि अपना काम पूरा करने के लिए मन में श्रद्धा जगाई और अगर काम पूरा नही हुआ तोह श्रद्धा खत्म कर दी ,यह श्रद्धा नही है श्रद्धा तोह वैह होती है जिसमे कोई इचा करे बगैर सचे मन से  ईश्वर की भक्ति हो , विपरीत परिस्थी में भी आस्था में कमी न आए ,अछा और बुरा जो होता है यह तोह कर्मो का फल है,अगर मन में सची श्रद्धा होगी तोह मालिक जरुर सुनेगा ,एक बार उसने हाथ थाम लिया तोह यह सुख व दुःख कुछ मायने नही रखता उसकी कृपा एक बारी मिल्गयी तोह सारे काम बगरसोचे पूरे हो जायेंगे
वेस्हे ही सबुरी का अर्थ है सबर हमे मन में सबर भी रखना चाहिए.अगर हमने परिश्रम किया है तोह ज़रुर एक न एक दिन हमे उसका फल मिलेगा,चाहे देर से मिले पर जो मालिक की मरजी से मिलता है उसका यश अलग ही होता है
इश्लिये आईये हमसब मिलकर  आज अपने मन में श्रद्धा और सबुरी का साचादीपक जलाये और उसे बाबा के चरणों में समर्पित करे जिसे हमारा जीवन सार्थक हो सके ........ॐ साई राम           

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Very nice Ruby

Jai Sai Ram

श्रद्धा और सबुरी में बहुत गहरा सम्बन्ध है
यह दोनों ही हमे मालिक के करीब लाती है,मालिक को प्राप्त करने का यह मुख्य साधन है
श्रद्धा का अर्थ है विश्वास कि (ईश्वर मे आस्था)अगर दिल में साची श्रद्धा होती है देर से ही सही  मालिक ज़रुर सुनता है,यह नही कि अपना काम पूरा करने के लिए मन में श्रद्धा जगाई और अगर काम पूरा नही हुआ तोह श्रद्धा खत्म कर दी ,यह श्रद्धा नही है श्रद्धा तोह वैह होती है जिसमे कोई इचा करे बगैर सचे मन से  ईश्वर की भक्ति हो , विपरीत परिस्थी में भी आस्था में कमी न आए ,अछा और बुरा जो होता है यह तोह कर्मो का फल है,अगर मन में सची श्रद्धा होगी तोह मालिक जरुर सुनेगा ,एक बार उसने हाथ थाम लिया तोह यह सुख व दुःख कुछ मायने नही रखता उसकी कृपा एक बारी मिल्गयी तोह सारे काम बगरसोचे पूरे हो जायेंगे
वेस्हे ही सबुरी का अर्थ है सबर हमे मन में सबर भी रखना चाहिए.अगर हमने परिश्रम किया है तोह ज़रुर एक न एक दिन हमे उसका फल मिलेगा,चाहे देर से मिले पर जो मालिक की मरजी से मिलता है उसका यश अलग ही होता है
इश्लिये आईये हमसब मिलकर  आज अपने मन में श्रद्धा और सबुरी का साचादीपक जलाये और उसे बाबा के चरणों में समर्पित करे जिसे हमारा जीवन सार्थक हो सके ........ॐ साई राम           

Offline MANAV_NEHA

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सुखी जीवन जीने के पाच उपाय-

१.सुखी जीवन जीने के लिए सर्वप्रथम मन का शांत(सुखी)होना परम आवशयक है,तभी सचे सुख का अनुभव होगा
दूसरो से द्वेष भाव और इरषा रखने वाले कभी सुख का अनुभव नही कर सकते,उनका मन कभी शांत नही हो सकता{आत्ह इसका त्याग करके}!

२.ईश्वर की सची भक्ति करके:अर्थात ईश्वररतन एक ऐसा रतन है जिसको धारण करने से सचे सुख का अनुभव प्राप्त होता है! मन शांत रहता है !   

३.सबके के प्रति परोपकारी और दयालु बनके 

४.अंहकार और गुस्से का त्याग करके

५.मातपितः की सेवा करके,और सबका आदर करके

यह पाच उपाय अपनाने से मन शांत रहता है और सचे सुख का अनुभव होता है

ॐ साई राम
 
« Last Edit: April 07, 2008, 09:30:57 AM by MANAV_NEHA »
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


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Offline MANAV_NEHA

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चमत्कार क्या है सिर्फ़ एक विश्वास का प्रतीक जो हमारे अन्दर ईश्वर के प्रति हमारी प्रेना को जाग्रत करने का कार्ये करता है

चमत्कार और श्रद्धा में भी आपस में बहुत गहरा सम्बन्ध है कहा जाए तोह चमत्कार ही श्रद्धा की नीव होता है
ईश्वर के प्रति हमारी श्रद्धा सिर्फ़ चमत्कार के द्वारा ही दरंड होती है जब हम दुखो के घेरे में खड़े होते है चारो और हमे सिर्फ़ दुश्मन ही दुश्मन दिखते है तब एक ऐसा चमत्कार होता है जो हमे ईश्वर के प्रति हमारे विश्वास को बढाता है हमे विश्वास होता है कोई है जो हमे इस दुःख की घरी में बचायेगा हमारे रक्षा करेगा और यह विश्वास दिन प्रतिदिन हमारी आस्था(श्रद्धा)को बढाता है

ॐ साई राम :-*
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

Offline MANAV_NEHA

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सांई रहम नजर करना, बच्चों का पालन करना ~~~
सांई रहम नजर करना, बच्चों का पालन करना ~~~

सांई रहम नजर करना, बच्चों का पालन करना ~~~
सांई रहम नजर करना, बच्चों का पालन करना ~~~

सांई रहम नजर करना, बच्चों का पालन करना ~~~
सांई रहम नजर करना, बच्चों का पालन करना ~~~
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

Offline MANAV_NEHA

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साई की है महिमा इतनी न्यारी
जिस पर नाज़ करती है यह दुनिया सारी
तेरी कृपा की है अब आशा
तेरे रूप को देखने की है अभिलाषा
कब हमारा मनोरत सिद्ध होगा
कब इन आखो को तेरा दर्श होगा
तुझ में है यह जग समाया
तेरे दर से न कोई खाली आया
सबके ह्रदय की बात तू जाने
सबके मन में तू विराजे
कण कण में तेरा वास है
तेरी करुना का न कोई पार है
तेरी महिमा है इतनी न्यारी
जिसपे नाज़ करती है यह दुनिया सारी.......ॐ साई राम     
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


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Offline MANAV_NEHA

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भक्ति और विश्वास के वो नव रूपी सिक्के जो बाबा ने अंत समय में अपनी भ्क्तानी लक्ष्मी को दिए.....ॐ साई राम
« Last Edit: November 22, 2008, 04:24:33 AM by MANAV_NEHA »
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
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