DwarkaMai - Sai Baba Forum
Main Section => Sai Baba Spiritual Discussion Room => Topic started by: sai ji ka narad muni on March 22, 2016, 09:33:29 AM
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श्रृंगार रस - रति/प्रेम
हास्य रस - हास
करुण रस - शोक
वीर रस - उत्साह
रौद्र रस - क्रोध
भयानक रस - भय
वीभत्स रस - घृणा
अद्भुत रस - आश्चर्य
शांत रस - वैराग्य
वात्सल्य रस - वात्सल्य
भक्ति रस - अनुराग
जब मै माधुरी और ऐश्वर्य भक्ति की तुलना में कुछ कहना चाहती हूँ ,
मेरे मुख से शब्द ही नही निकल पाते
कृपा कर कोई इस बारे में वर्णन करे
मेरा तो ऐसा सामर्थ्य नही हैं।।।।।
वल्लभाचार्य की माधुर्य भक्ति
श्री साईं का आत्माराम होते हुए भी अपने भक्तो का भक्त की तरह प्रेम करना
और हर क्षण भक्तो को अचंभित कर देने वाला साईं जी का ऐश्वर्य ,
कोई तो भक्त होगा जो इस पर कुछ टीका कर सके