ॐ सांई राम~~~
एक बार दो दोस्त- जूसी और लिएंडर, एक जंगल से गुजर रहे थे। अचानक नदी के किनारे पहुंचते ही उन दोनों में किसी बात पर झगडा हो गया। बातों-बातों में झगडा इतना बढ गया कि जूसी ने गुस्से में आकर लिएंडर को एक तमाचा जड दिया, पर लिएंडर ने पलट कर उससे कुछ जरूर नहीं कहा, लेकिन बस उसने नदी किनारे पडी मिट्टी पर यह लिख दिया कि आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे बेइज्जत किया। इस घटना के बाद दोनों काफी देर तक नदी के किनारे बैठे रहे। और फिर शाम होते ही नदी में तैरने के लिए कूद पडे। दोनों नदी में तैर ही रहे थे कि लिएंडर गहरे पानी में पहुंच गया। अचानक न जाने कहां से मगरमच्छ उसके सामने आ गया! मगरमच्छ को देखते ही उसने बचाओ-बचाओ चिल्लाना शुरू कर दिया। उसकी आवाज सुनकर जूसी अपनी जान की परवाह किए बिना ही मगरमच्छ से टक्कर लेने पहुंच गया। उसने सीधे मगरमच्छ की आंख पर अपनी कोहनी मार दी। मगरमच्छ बिलबिला उठा और लिएंडर को छोडकर जूसी की ओर आ लपका, लेकिन चूंकि जूसी पहले से ही अलॅर्ट था, इसलिए वह तेजी से तैर कर किनारे पर पहुंच गया। किनारे पर आकर मगरमच्छ उतनी फुर्ती नहीं दिखा सका। इस प्रकार दोनों दोस्तों की जानें बच गई।
इस घटना के बाद लिएंडर ने नदी किनारे की चट्टान पर यह लिखा कि आज मेरे सबसे प्यारे दोस्त ने मेरे जीवन की रक्षा की। यह देखकर जूसी ने पूछा कि पहले तुमने मिट्टी पर लिखा था और अब चट्टान पर, ऐसा क्यों? इस पर लिएंडर ने जवाब दियकि दोस्त जब आपको दुख पहुंचाए, तो इसे रेत पर लिख देना चाहिए, ताकि जब हवा चले, ये शब्द खुद-ब-खुद रेत के साथ उड जाएं और जब दोस्त दोस्ती निभाए, तो उसे चट्टान पर लिख दो, ताकि वह जीवन भर के लिए अमिट हो जाए|
जय सांई राम~~~