ॐ साईं नाथाय नमः
आत्मा का लक्ष्य सुख की प्राप्ति अर्थात परमानन्द की प्राप्ति है ,किन्तु हम सुख को नहीं सुख प्रदान करने वाली वस्तुओं को एकत्रित करना ही जीवन का उदेश्य मान लेते हैं ,जो नश्वर हैं |
जो इस सत्य को जानते हुए भी लोभ का परित्याग नहीं करते वो सदैव इन्हें खोने के भय से जीते है और जो इस सत्य को जानते ही नहीं वो अहंकार में जीते हैं, और जहाँ अहंकार और भय उपस्थित हो वहां सुख कैसे रह सकता है |
साईं राम