ॐ साईं नाथाय नमः
सिंह से एक गुण, बगुले से एक गुण, मुर्गे से चार गुण, कौए से पाँच गुण,कुत्ते से छ गुण और गधे से तीन गुण ग्रहण करना चाहिए
मनुष्य कितना ही बडा काम क्यों न करना चाहता हो, उसे चाहिए कि सारी शक्ति लगा कर वह काम करे । यह गुण सिंह से ले |
समझदार मनुष्य को चाहिए कि वह बगुले की तरह चारों ओर से इन्द्रियों को समेटकर और देश काल के अनुसार अपना बल देख कर सब कार्य साधे |
ठीक समय से जागना, लडना, बन्धुओंके हिस्से का बटवारा और छीन झपट कर भोजन कर लेना, ये चार बातें मुर्गे से सीखे |
एकान्त में स्त्री का संग करना , समय-समय पर कुछ संग्रह करते रहना, हमेशा चौकस रहना और किसी पर विश्वास न करना, ढीठ रहना, ये पाँच गुण कौए से सीखना चाहिए |
अधिक भूख रहते भी थोडे में सन्तुष्ट रहना, सोते समय होश ठीक रखना, हल्की नींद सोना, स्वामिभक्ति और बहादुरी-- ये गुण कुत्ते से सीखना चाहिये |
भरपूर थकावट रहनेपर भी बोझा ढोना, सर्दी गर्मी की परवाह न करना, सदा सन्तोष रखकर जीवनयापन करना, ये तीन गुण गधा से सीखना चाहिए |
ॐ साईं राम