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Author Topic: WISDOM THOUGHTS  (Read 265915 times)

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Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
Re: WISDOM THOUGHTS
« Reply #555 on: May 19, 2012, 02:02:36 AM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    प्रेम इस में नहीं, कि हम ने बाबा से प्रेम किया, पर इस में है, कि बाबा ने हम से प्रेम किया, और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिये खुद अपने उपर सब ले लिया ।

    ॐ साईं राम

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #556 on: May 19, 2012, 02:10:14 AM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    ” पाप क्या है ? , परमपिता की आज्ञाओं का पालन न करना ही पाप है।”

    ॐ साईं राम

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #557 on: May 19, 2012, 05:35:34 AM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    अपने दिल में एक ऐसा कब्रिस्तान बनाये जिसमे अपने दोस्तों और दुश्मनों की गलतियों को दफना सकें |

    साईं राम

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #558 on: May 19, 2012, 07:02:47 AM »
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  • ॐ साईं नाथाय नमः

    इंसानियत के गुणों से विभूषित मनुष्य ही उच्च अध्यात्म व ज्ञान को प्राप्त कर सकता है।

    Source :DwarkaMai - Main Section > Sai Baba Spiritual Discussion Room > मन को शांत रखने से मिलते हैं समाधान

    sai ki beti_shalaka Member

    ॐ साईं राम

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #559 on: May 19, 2012, 07:12:36 AM »
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  • ॐ साईं नाथाय नमः

    जो हो कृपा साईं तो क्या हो नहीं सकता

    हो कितनी भी भीड़ इस दुनिया के मेले मे

    भक्त तुमारा तुमसे कभी जुदा हो नहीं सकता !

    DwarkaMai -  Prayers Section > Thank You Sai Baba For My Answered Prayers > Thanks.

    saib DwarkaMai Helpers Member

    ॐ साईं राम

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #560 on: May 20, 2012, 04:04:31 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    जिन्दगी हमें हररोज हँसाती  और रुलाती  है
    पर जो हर हल में खुश रहे
    जिन्दगी उसके आगे सर झुकाती है ||

    साईं राम

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #561 on: May 24, 2012, 04:08:17 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    उसके दर पे सुकून मिलता है
    उसकी इबादत से नूरमिलता है
    जो झुक गया सर साई के सजदे मे
    उसको कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है !

    ॐ साईं राम

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #562 on: June 14, 2012, 04:20:21 AM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    साक्षी स्वरूप का मतलव है कि जब आप चीजों को देखते  हैं तो लगता  है कि आप नाटक देख रहे हैं और उस समय आपको लगेगा कि आप  नाटक कर रहे हैं।तो हमें स्वयं में साक्षी भाव विकसित करना है। प्रतिक्रिया करने की आदत हमें पड गई हैऔर ऎसा करना हम अपना अधिकार मान बैठे हैं।आपका यह अधिकार आत्मघातक है ।प्रतिक्रिया करना गलत है। साक्षी रूप में आप सभी कुछ देखिए ।एक बार जब आप साक्षी रूप मे देखने लगेंगेतो आप हैरान होंगे कि आप माया का खेल देखने लगे हैंऔर इसमें अपना स्थान भी आप देख पायेंगे ।वास्तवमें हम प्रतिक्रिया तब करते हैं जब हमारी निर्णय शक्ति पूर्णतः नष्ट हो जाती है।अपनी इस शक्ति को अन्तर्मुखी बना लीजिए और सेवयं की आलोचना कीजिए ।आप देखेंगे कि आपका अहंकार धीरे-धीरे खत्म होते जा रहा है।

    ॐ साईं राम

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #563 on: June 14, 2012, 07:40:57 AM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    सुख और दुख को राहगीर की तरह समझें। जीवन के राजपथ पर हमारा शरीर चल रहा है और साथ में सुख-दुख के रूप में अन्य लोग। हम इनसे अलग हैं।  साक्षी भाव का उदय है |

    बस यहीं से बाहर जो घटनाएं घटेंगी, वो हमारे भीतर घट नहीं पाएंगी। अभी हम और घटना एक हो जाते हैं। इसीलिए हम बाहर इन्हें विदा न करके अपने भीतर ले आते हैं। जिंदगी में सुख आते ही हमारे तौर-तरीके बदल जाते हैं, क्योंकि हम खुद सुख हो जाते हैं। दुख आते ही हमारी हरकतें एकदम बदली रहती हैं। हम मान लेते हैं - मैं ही दुख हूं, लेकिन अभ्यास करें, सुख और दुख हमसे अलग बाहर हैं। आज हैं, कल नहीं रहेंगे और यहीं से जीवन में शांति आएगी।

    ॐ साईं राम



    Offline Pratap Nr.Mishra

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    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #564 on: June 17, 2012, 11:58:56 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    “Sometimes having someone oppose you can actually be a gift. In overcoming the resistance of others, you often strengthen your own resolve and develop more courage and greater commitment to your path. You may have noticed that when someone says you can’t do something, you sometimes make up your mind to prove you can.”

    “If you have well-meaning friends who tell you that something is hard to do or can’t be done, realize that they are only showing you your own doubts, mirroring them back to you so you can become more aware of them and let them go. As you deal with their objections, you are really dealing with your own doubts and fears. When you feel clear about your path, others will usually mirror your confidence back to you.”

    ॐ साईं राम


    Offline Pratap Nr.Mishra

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    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #565 on: July 05, 2012, 06:42:00 AM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    अहंकारी में कृतज्ञता नहीं होती। अहंकार का अर्थ ही संग्रह करना है, संचय करना है, वह केवल
    लेता ही रहता है, कभी किसी को कुछ देता नहीं।  अहंकार नरक का मूल है। जब तक ‘मैं’
    की अकड़ है तब तक दुख है। ‘मैं’ की मृत्यु आत्मा का जीवन है। जिसने अहंकार
    छोड़ दिया, उसने भवसागर तर लिया।

    ॐ साईं राम

    Offline PiyaSoni

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    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #566 on: July 05, 2012, 06:44:17 AM »
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  • OmSaiRam

    Very True Pratap ji..

    Baba Bless!!
    SaiRam
    "नानक नाम चढदी कला, तेरे पहाणे सर्वद दा भला "

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #567 on: July 19, 2012, 12:11:50 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    जिंदगी से जो लम्हा मिले उसे चुरा लो, जिंदगी अपनी साईं के प्यार से सजा लो
    जिंदगी यूँ ही गुज़र जाएगी आराम से, बस कभी खुद हँसो तो कभी रोते हुये को हँसा  दो |

    ॐ साईं राम

    Offline marioban29

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    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #568 on: July 27, 2012, 06:40:58 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    Re: WISDOM THOUGHTS
    « Reply #569 on: August 29, 2012, 12:32:42 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है,
    जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे, रास्ता हो जाएगा.

    कितना सच्चाई से, मुझसे ज़िंदगी ने कह दिया,
    तू नहीं मेरा तो कोई, दूसरा हो जाएगा.

    मैं खूदा का नाम लेकर, पी रहा हूँ दोस्तो,
    ज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगा.

    सब उसी के हैं, हवा, ख़ुश्बु, ज़मीनो-आस्माँ,
    मैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा.

    ॐ साईं राम


     


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