जीवन का दात्ता ( मेरा साईं )
जय साईंराम
दिन की शुरुवात आपसे
रात की सुभरात्रि आपसे
कोयल की कूक आपसे
मोर का नृत्य आपसे
पायल की झंकार आपसे
झरने की छम - छम आपसे
बदलो की गरगराहट आपसे
वर्षा की बोछार आपसे
सूरज की तपती धूप आपसे
पेड़ो की ठंडी छाव आपसे
जग का निर्माण आपसे
सृष्टी का संचार आपसे
इंसानों की पहचान आपसे
रिश्ते नाते सब आपसे
दया के सागर मेरे साईं
सब कुछ आपसे शुरू होकर
आपके चरणों पर ही खत्म होता है तो
मेरा मन क्यों भटक रहा है
अब मेरे जीवन का निर्णय भी आपसे
मेरी हर शुरुवात आपसे ....
जय साईंराम