DwarkaMai - Sai Baba Forum
Main Section => SAMARPAN - Spiritual Sai Magazine => Topic started by: arti sehgal on June 02, 2010, 03:54:31 AM
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भजन
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
देख कर तुझको हुई बलिहारी ( २ )
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
सोच कर तुझको उम्र है काटनी ( २ )
में साईं की दीवानी मारी -मारी ओं ओं
प्यार का रोग मुझे लग गया साईं ( २ )
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
दिल का दर्द में किसको सुनाऊ ( २ )
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
चरणों में अब शीश झुकाऊ ( २ )
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
तुझको अपना ही में बनाऊ ( २ )
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
आज मुझे तुम गले से लगाऊ ( २ )
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
साईं की दीवानी मारी - मारी
में साईं की दीवानी मारी - मारी ओं ओं
साईं की दीवानी मारी - मारी ( २ )
जय साईं राम ................................
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OM SAI RAM
Mere behen arti ji,
Aap ko maine spiritual discussion room: My dear adwaia ji... Post pe ek uttar likha hai.
Meri apse nivedan hain ki aap usko jara dekh li ji yega.
SABKA MALLIK EK
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sairam vishwanathji
thanks a lot . aapse yehi kahugi aap bahut aache person hai aur baba apke sath hamesha hai.
jai sairam