DwarkaMai - Sai Baba Forum
Main Section => SAMARPAN - Spiritual Sai Magazine => Topic started by: arti sehgal on March 06, 2010, 10:31:53 PM
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साईंराम की जय हो
साईं तुने बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया
साईंनाथ कहते है
मेरे भक्त
कहा जा रहा है
में तो तुझे पुकार रहा हूँ
तू मेरे पास आना ही नहीं चाहता
तू तो अपने सुख़ दुख में ही
उल्छा हुआ है
यह संसार रुपी जाल तो
बड़ा खतरनाक है
अर्थात
सुख़ दुख तो धुप छाव
की तरह है
इनसे केसा घबराना
सुख़ में साईं है
दुख में भी साईं है
इंसानों की समझ से
मत चलो
अपनी आत्मा की पुकार से चलो
साईं की पुकार से चलो
हर पल एक ही नाम जपो
जय साईंराम जय साईंराम
कोई तुम्हारा नहीं
यहाँ तक शरीर भी
तुम्हारा नहीं
फिर क्यों आँसू बहा रहा है
साईं को कहे मुझे और
दुख दे
ताकि मेरे मुख से एक ही नाम निकले
जय साईंराम जय साईंराम
जब तक सासे चल रही है
उन सासों में एक ही नाम हो
जय साईंराम जय साईंराम
जब सासे रुक जाये
फिर भी एक ही नाम निकले
जय साईंराम जय साईंराम
फिर मेरी आत्मा परमात्मा से मिल जाये
हम पर हस रहे है
साईं
हमें पुकार रहे हे
साईं