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Main Section => SAMARPAN - Spiritual Sai Magazine => Topic started by: arti sehgal on March 09, 2010, 05:17:09 AM
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साईं रंग
साईं के भिन-भिन रंग है
हम इंसान तो साईं के हाथो की
कटपुतली है
हमे हँसता है
हमें रुलाता है
हमें अपनी हर गलती का अहसास
दिलाता है
अपनी लीलाओ से हमें शेड जाता है
हम नादान कुछ समझ न पाते है
हर दोष उस पर लगा देते है
जनम मरण तो उसके हाथ में है
हम तो उसी का स्वरूप है
अपने रंग में ऐसा उलझाता है
हम उलझते ही रहते है
अपने दुख लेकर उसके द्वार पर खड़े हो जाते है
साईं तो प्यार का भूखा है
उसकी नजरो को देखो तो प्यार ही प्यार
नज़र आता है
बस अपनी आँखों से संसार का चम्मा
उतार दो
उसकी आखो में बस जायो
संसार का धर्म तो निभाना है
अपने हर कार्य को पूरा करना है
पर साईं को कभी नहीं भूलाना है
सबका संग छूट जाना है
साईं का संग हमेशा रहना है
जय साईं नाथ