DwarkaMai - Sai Baba Forum
Main Section => SAMARPAN - Spiritual Sai Magazine => Topic started by: arti sehgal on April 01, 2010, 07:47:18 AM
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माँ
अपनी माँ को देखती हूँ
ऐसा लगता है साईं को देख रही हो
उनकी आखो की ममता
साईं के ममता के सामान है
माँ का सवरूप साईं के सवरूप के समान है
कहते है माँ को भगवन का दर्जा दिया जाता है
यह सत्य है
मेरी माँ बहुत अच्छी है
उनके आचल में बहुत ममता है
उनको कोई तृष्णा नहीं
उनके जीवन में बहुत सबर है
मैने ऐसा स्वरूप बहुत कम देखा है
मै अपने घर जाती हूँ
गरीबी हर कोने से छलकती है
लेकिन प्यार ओर ममता सागर की तरा बहती है
साईं राम आपसे यही प्राथना है ...............
मेरी माँ को जीवन की हर खुशिया देना
उनके साथ हमेशा रहना
मै अपनी माँ से बहुत प्रेम करती हूँ
आज मै अपनी माँ के लिए लिख रही हूँ
ओर मेरे अश्रु रूक नहीं रहे
क्योकि मुझे उनकी बेटी होने का गर्व है ...............
जय साईंनाथ