साईं आप जानते है
साईंराम की जय हो
साईंराम मै क्या सोचती हूँ
मै क्या बोलती हूँ
मै कब हस्ती हूँ
मै क्यों रोती हूँ
मेरे दिल ओर दिमाग में क्या है
मेरी हर आह्ट को
साईं आप जानते हो ...............
यह सब जान पहचान में
हमारा रिश्ता बहुत आगे निकल गया है
आप मेरी ज़िन्दगी की सच्चाई बन गाये हो
मेरे जीवन की खुशबू बन गाये हो
मरे जीने की वजहा बन गाये हो
साईंनाथ वक़्त का कोई भरोसा नहीं ..................
लेकिन
में उस वक़्त से पहले
अपने ओर आपके रिश्ते को संयोग कर रखना
चाहती हूँ
ताकि मेरा वक़्त निकल भी जाये
तो मुझे कोई गम नहीं
क्यों की .................
तब तक मेरे दिल के श्वास
साईं के श्वासों से जुड़ गए होगे
जय साईंराम .............................