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Main Section => SAMARPAN - Spiritual Sai Magazine => Topic started by: arti sehgal on August 23, 2010, 03:54:08 AM
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राखी का त्होहार
राखी का त्होहार आया
मन में एक विचार आया
साईं के साथ एक रिश्ता बनाया
साईं को अपना भाई बनाया
राखी के बन्दन से उन्हें सजाया
उनका मन पसंद भोग लगया
साईं की अनुमति से उनको हाथ लगया
दोनों हाथो से उनके मुख को सलाया
झूम उठी खिल उठी पागलो की तरहा नाच उठी
ख़ुशी का ठिकाना नहीं
इस त्होहार को मैंने भुलाना नहीं
याद रहेगा राखी का त्होहार
साईं ने दिया इतना सुन्दर उपहार
जय साईंराम ............................