DwarkaMai - Sai Baba Forum
Main Section => SAMARPAN - Spiritual Sai Magazine => Topic started by: arti sehgal on December 04, 2010, 02:07:14 AM
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प्यार का बंधन
घंटो पहर बैठी रहु
साईं के आगन में
कुछ में उनसे कहु
कुछ वो मुझेसे कहे
कभी में शर्ममाऊ
कभी मुस्कराऊ ....
कभी दर्द से भरा अपना हाल सुनाऊ
नज़र भर देखती रहु
अपने साईं को
इतनी मासूमित
इतना प्यार
इतना दुलार है
मेरे साईं के मुख पर
करूणा और शांति का वास है
मेरे साईं के चरणों में
नमस्कार करो
प्रणाम करो
आपसे बस यही विनती करू
छूट जाए सारे बंधन
आपका साथ कभी न छूटे
अपने आचल के पलु से बांधलो मुझे
कही यह जमाना आपसे चुरा नाले मुझे
दिल की बस एक ही तृष्णा रहे जाए
क्या है मेरा साईं
मुझे उसके पास ही रहना है
जय साईंनाथ .....
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its realy very nice
omsairam omsairam omsairam omsairam omsairam
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OM SAI RAM, OM SAI RAM, OM SAI RAM, OM SAI RAM, OM SAI RAM.