मेरा साईं
चुपके से दबे पैर आऊ
अपने बाबा को चुरा कर ले जाऊ
सारे संसार से छुपा कर
उन्हें एक इकांत में लेआऊ
उनके आँचल के साथ अपना आँचल बाधलू
घंटो पहर उनको निहारती रहु
खूब सारी बाते करती रहु
जी भर कर देखती रहु
बाबा के मन पसंद भोजन का भोग लगाऊ
उनका सुन्दर सा बिस्तर तेयार करके
उनके पेरों को हल्का हल्का दबाऊ
उन्हें मीठी से लोरी गागे सुनाऊ
अपनी आँचल की ओड़नी से
उन्हें मीठी से नीद कराऊ
सारी रात जागकर उनके सर को सहलाती रहु
सुबहा की पहली किरण से उन्हें उठाऊ
स्नान करा कर सुन्दर वस्त्र पहनाऊ
फूलो की महक से बाबा को सजाऊ
दूध और बादाम का भोग लगाऊ
फिर अपने आँचल में छुपा कर
उनको अपने स्थान पर ले जाऊ
बाबा ऐसी आँख मचोली का खेल हम खेलते रहे
आप मुझे और मै आपको दुनिया से चुरा ते रहे
जय साईंराम ..................