DwarkaMai - Sai Baba Forum
Main Section => SAMARPAN - Spiritual Sai Magazine => Topic started by: arti sehgal on May 18, 2011, 03:10:39 AM
-
बाबा मुझे भी इंसान बना दो
बाबा मुझे इंसान बना दो
तेरे दर पर खड़ा हूँ
थक गया हूँ जीवन से
सर से सारा भार उतार दो ( बाबा ............इंसान बना दो )
झूठ , फरेब ,क्रोध , मोह के
चक्रवीऊ में फसा हुआ हूँ
माया के जाल से
मुझे आज मुक्त करा दो ( बाबा .......................इंसान बना दो )
जीवन की तीखी धूप ने
मेरी भावनाओं को झुलस दिया है
इस तपती धूप पर
अपनी ठड़ी छाव बिछादो ( बाबा ....................इंसान बना दो )
करूणा , शमा का वास
जीवन से मिट गया है
इस कठोर दिल को
दया का पाठ पड़ा दो ( बाबा ............................इंसान बना दो )
धन दौलत की आस ने
बिखेर दिया है मुझे
इस टूटे हुए आईने को
समेट लो अपने हाथो में ( बाबा .............................इंसान बनना दो )
आज तेरे दर पर आया हो
खाली ना जाऊ गा
तेरे विश्वास को अपनी
आत्मा में बसाऊ गा
तुझे अपना बनाऊ गा
जीवन की हर ठोकर खायी है मैंने
अब ना अपनी गलती दोराहुगा
थाम लुगा तेरा आचल
और इंसान बनके जाऊगा ( २)
जय साईंराम .......
-
OMSAIRAM
-
बाबा मुझे भी इंसान बना दो
बाबा मुझे इंसान बना दो
तेरे दर पर खड़ा हूँ
थक गया हूँ जीवन से
सर से सारा भार उतार दो ( बाबा ............इंसान बना दो )
झूठ , फरेब ,क्रोध , मोह के
चक्रवीऊ में फसा हुआ हूँ
माया के जाल से
मुझे आज मुक्त करा दो ( बाबा .......................इंसान बना दो )
जीवन की तीखी धूप ने
मेरी भावनाओं को झुलस दिया है
इस तपती धूप पर
अपनी ठड़ी छाव बिछादो ( बाबा ....................इंसान बना दो )
करूणा , शमा का वास
जीवन से मिट गया है
इस कठोर दिल को
दया का पाठ पड़ा दो ( बाबा ............................इंसान बना दो )
धन दौलत की आस ने
बिखेर दिया है मुझे
इस टूटे हुए आईने को
समेट लो अपने हाथो में ( बाबा .............................इंसान बनना दो )
आज तेरे दर पर आया हो
खाली ना जाऊ गा
तेरे विश्वास को अपनी
आत्मा में बसाऊ गा
तुझे अपना बनाऊ गा
जीवन की हर ठोकर खायी है मैंने
अब ना अपनी गलती दोराहुगा
थाम लुगा तेरा आचल
और इंसान बनके जाऊगा ( २)
जय साईंराम .......
साईं राम
आरतीजी नमस्कार ,
बहुत ही सुख और शांति का एह्शास हो रहा था जब मै आप की
कविता को पढ़ रहा था. सही मैंने मे उन सभी बातो का आपने
अपनी कविता मे जिक्र किया है जिसके होने से इंसान सही मायने
मे इंसान कहलाने लायक होता है.
बाबा के विचारो को फेलाने मे आपकी ये कविता बहुत ही सहयोगी होगी .
सुंदर और सकारात्मक संदेस से ओत -प्रोत इस कविता के लिए आपको
बहुत-बहुत धन्यबाद .
साईं राम
-
OM SAI RAM
ARTI JI
BAHUT HI ACHI KAVITA HAI AUR JITANI SUNDAR YE KAVITA HAI UTANA HI ACHA USKA MEANING BHI HAI....
HOPE U WILL POST MORE... :D
MAY SAI MAA BLESS HELP AND GUIDE U
JAI SAI RAM
-
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम ॐ साई राम
-
Nice Poem Arti Ji. Jai Sai Baba Ji Ki. OM SAI RAM OM SAI RAM OM SAI RAM OM SAI RAM
-
Nice poem .om sai ram.