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Main Section => SAMARPAN - Spiritual Sai Magazine => Topic started by: arti sehgal on July 20, 2011, 04:12:49 AM

Title: अशांत मन
Post by: arti sehgal on July 20, 2011, 04:12:49 AM
                                                      अशांत मन
बाबा
तेरे नाम का पाठ किया
तेरे नाम का जाप
श्री साई सच्चरित्र को भी दिल से लगाया
साईं साईं का सिमरन किया
फिर भी बाबा .....
मेरा मन अशांत क्यों ?
क्यों मेरा मन डोल रहा है
क्यों भवरो की तरहा नाच रहा है
क्यों समुंदर की लहरों की तरहा उझाले मार रहा है
बाबा ....
इस भटके मन को कैसे शान्त करू
इस वक़्त को कैसे थाम लू
यह वक़्त इतना कठोर बन गया है
परछाई बनकर मुझे डरा रहा  है
अंदर ही अंदर मुझे खा रहा है
मुझे कमजोर बना रहा है
बाबा ..........
आब यह तकलीफ सही नहीं जाती
दिन प्रतिदिन पीड़ा बढती ही जाती
यह मेरी नहीं कहानी
यह कितनो की है कहानी
बाबा ......
कर दो इस मन को शान्त
चला दो अपने प्यार का बाण
जिसे टूट जाए दुखो का पहाड़
बाबा रहम नज़र करना
बच्चो का पालन करना
बस यही  है आपसे
हाथ जोड़ कर अरदास !!!!
जय साईंराम ........
 
Title: Re: अशांत मन
Post by: saib on July 20, 2011, 10:02:51 AM
सब माया की शक्ति है

कर पैदा भ्रम मन मे

पहले लुभाती है

मन को ललचाती है

फिर जो हो न पूरण इच्छा

पल पल रुलाती है

किसी को चाहिए सुन्दर काया

कोई दीवाना मांगे माया

किसी को बड़ा नाम चाहिए

किसी को सन्मान चाहिए

किसी को बड़ा इनाम चाहिए

पथ से भटकाती है

किसी की  परिक्षा

किसी की दीक्षा

कर दूर बाबा से

जग के बन्धनों मे उलझाती है !


पर जब हो  प्रीत साईं की

बन जाये ये रीत जीवन की

पल पल मन साईं से जुड़ता जाता है

चाह मिलन की हिरदय मे

बस गीत साईं के गाता है

कोई चाह नहीं है

दुनियावी कोई राह नहीं है

अँधेरे दुनिया के छंट जाते है

जब दिए नाम के जग जाते है !


पर नहीं सरल ये रीत है ऐसी

विरलों को मिलती है प्रीत ऐसी

छोड़ दुनिया के बन्धनों  को

जिस दिन अपनी हस्ती मिट जाती है

बस्ती उस दिन जिन्दगी की ऐसे बस जाती है

न कोई सुख है न कोई दुःख

जीवन तो बस परमानन्द है

साईं साईं करते करते दिन जीवन के कट जाते है

न रहता  भेद कोई

भक्त और भगवान्  मिल जाते है !
Title: RAM RAM RAM
Post by: shalabh on August 22, 2011, 10:26:28 AM
 
Ram  Ram  kahein   ham  Ram  Ram Ram
Sab taraf kaaran tumhi
sab taraf kaaraj tumhi
Tumhi baney ank ,
Tumhi baney shabd
Tumhi Niserg Upwan Mein
Tumhi Sugandh chandan mein

Ho tum virajey har ous man mein
Jahaan nahi koi kaam
Ram Ram kahein ham Ram Ram Ram

Dar lagta hei ab man ko ,
jag jahir kahein na kar dein
raaj ab tak thaey jo merey
bhram mera tumney jo tha toda
bankey SAI RAM
Ram Ram kahein ham Ram Ram Ram
 
Shalabh  Bharadwaj
Shakarpur  Delhi

09891372545