प्रिय भाई और बहनों,
आप मे से अधिकांश या यूँ कहूँ की सभी शिक्षित है , सभी ने कभी न कभी कोई न कोई परीक्षा तो अवश्य दी होगी , चाहे वोह विद्यालय स्तर पर हो अथवा कोई पेशेवर योग्यता के लिए. क्या आप जानते है इन सब परिक्षाओं मे क्या ऐसा है जो समान है . वोह है एक निर्धारित समय जिसके अन्दर आपको अपनी परीक्षा समाप्त कर उत्त्तर पुस्तिका पर्वेक्षक को देनी होती थी . कई ऐसे होंगे जिन्होंने तीन घंटे की परीक्षा दो घंटे या उससे भी पहले पूरण कर ली होगी और कई ऐसे जिन्हें यह तीन घंटे भी कम पड़ रहे होंगे .
हम उन परिक्षाओं की कितनी तयारी करते थे , दिन रात मेहनत की अच्छे अंको के साथ पास हो जाएँ .................................!
पर एक परीक्षा और भी होती है जिसकी तयारी हम नहीं कर पाते और जब तक समझ पाते है बहुत देर हो चुकी होती है वोह परीक्षा है जिन्दगी की .................. हमारे यहाँ बहुत से समुदाय ऐसे भी है , जो यह नहीं चाहते की बच्चे कभी शमशान घाट जाये और मौत की सच्चाई से अवगत हों
पर यदि कोई किसी परीक्षा मे बैठा हो और उसे यह न बताया जाये की इस परीक्षा की लिए उसे मात्र तीन घंटे ही मिले है, वोह सिर्फ समय व्यतीत करता रहेगा और परिणाम तो हम समझ ही सकते है .
जीवन भी ऐसी ही एक परीक्षा है जिसके लिए हर प्राणी को एक सीमित समय मिलता है , जो लोग अनुशासन के साथ जीवन व्यतीत करते हुए बिना कर्मो के बंधन मे पड़े जीवन का सफ़र पूरा करते है, उनके लिए जीवन एक आनंदमय सफ़र हो जाता है . जैसे किसी भी विद्यार्थी को सब विषयों का अध्यन करना पड़ता है , यदि कोई कहे की वोह मात्र हिंदी और इंग्लिश की अच्छी तयारी कर ले और गणित को छोड़ दे , तो वोह तब तक पास नहीं हो पायेगा जब तक सब विषयों मे न्यूनतम अंक न प्राप्त कर ले , इसी तरह जीवन मे भी हर एक क्षेत्र मे यदि सफलता प्राप्त न हो तो जीवन मे कष्टों का निवारण नहीं हो पाता, जैसे यदि किसी के पास अच्छा रोजगार हो पर घर मे कलह हो तो क्या वोह सुखी होगा , इसी तरह यदि घर मे सुख शांति हो पर व्यापर मे घाटा हो तो क्या यह सुख शांति लम्बे समय तक रह पायेगी ..................!
इसीलिए यदि आप यह समझ पाते है की जीवन एक निर्धारित समय के लिए है और यही आप आपके बच्चो को भी ज्ञान देते है तो जीवन मे से बहुत से तकलीफे अपने आप कम हो जाएँगी क्योंकि आप यह जान जायेंगे की जीवन को लेकर आपकी प्राथमिकतायें क्या है और आप उन गतिविधियों और इच्छाओं पर ही ध्यान देंगे जो आपके जीवन को एक अर्थ दे , जीवन तो पशु पक्षी और पेड पौधे भी जीतें है पर यदि मनुष्य होकर भी जीवन निरर्थक बीत जाये तो क्या यह उस इश्वर की तौहीन नहीं जिसने हमें मनुष्य होने के योग्य समझा .
कोई भी परीक्षा सरल नहीं होती चाहे वो जीवन मे कोई हो या स्वं जीवन की परीक्षा पर जो समय का सम्मान करते हुए इन परिक्षाओं का सामना करते है उनकी सफलता तो पूर्व निर्धारित होती है .
जीवन सबको एक सामान मिलता है ..............पर उस जीवन का अर्थ हर किसी के लिए अलग होता है और जीने का अंदाज़ भी .
पर समस्या तो उन लोगो के साथ आती है जो यही नहीं समझ पाते इस जीवन का करे क्या .................और जैसे जैसे समय बीतता जाता है उन्हें लगता है वोह परिवार या दुनिया ही नहीं स्वं अपने ऊपर ही एक बोझ बन चुके है .............पर इनमे उनका अपना ही दोष नहीं उनके माता पिता का भी योगदान रहता है जो उन्हें यह नहीं समझा पाते की यह जीवन तो मात्र कुछ समय के लिए है और इस समय मे ही उन्हें अपना सर्वोतम पर्दर्शन करना है , दुनिया को दिखाने के लिए नहीं अपने लिए , और जिसे जीवन का मकसद मिल जाये उसके लिए तो यह जीवन एक आनंदमय यात्रा है .....और नहीं तो सिर्फ एक भटकन रह जाती है एक द्वार से दुसरे द्वार .
अंत मे जिन्होंने साईं के चरणों मे शरण ली ....उनका तो मकसद हीन जीवन भी रह पा लेता है ............जरुरत होती है तो सिर्फ एक सच्चे संकल्प और साईं पर एक कभी न डोलने वाले विश्वास की ............फिर तो पल भर भी नहीं लगता जीवन का काया कल्प होने मे.
यदि आप जानते है आपके जीवन का अर्थ क्या है आपको आपके जीवन से क्या चाहिए और क्या सच मे वो इतना महत्वपूरण है जिसके लिए आप जीवन का अमूल्य समय देने जा रहे है ...............यदि हाँ तो अति उत्तम और यदि कभी सोचा नहीं तो एक बार विचार कीजिये .............साईं की कृपा से हो सकता है की कोई नई राह दिख जाये .........जीवन को एक अच्छा मकसद मिल जाये .
साईं की कृपा से सबका जीवन सुख और शांतिमय हो .
ॐ श्री साईं राम !