शब्दों की ताकत के बारे में हम सभी ने कहीं सुन या पढ़ रखा है। लेकिन बगैर किसी वैज्ञानिक आधार या प्रमाण को जाने किसी बात पर आसानी से यकीन करने वाली श्रृद्धा का समय अब नहीं रहा है। हमारा आधुनिक विकसित और तार्किक मन-मस्तिष्क हर बात के पीछे वैज्ञानिक आधार या तार्किक कारण जानना चाहता है।
धार्मिक या आध्यात्मिक पुस्तकों में भी हमने मंत्रों की अद्भुत और चमत्कारी शक्तियों के बारे में कई प्रसंगों और घटनाओं का वर्णन पढ़ रखा है। लेकिन इसे दिमाग की खूबी या कमी जो भी कहें लेकिन धार्मिक पुस्तकों में लिखी बातों पर विश्वास में दिनों-दिन कमी आती जा रही है और आधुनिक इंसान सिर्फ और सिर्फ आंखों देखी को ही सच मानने की जिद ठान बैठा है।
यहां हम जिस शब्द और अद्भुत शक्तियों का जिक्र करने जा रहे हैं, उससे अधिकांस भारतीय परिचित हैं और गहरे ताल्लुकात रखते हैं। वह शब्द है- 'ऊँ' । इस शब्द की अद्भुत शक्तियों को बताने वाली बातों से धर्म-शास्त्र भरे पड़े हैं।
'ऊँ' का उच्चारण करने पर व्यक्ति को जितने फायदे हो सकते हैं उनको शब्दों में बता पाना भी संभव नहीं है। ध्वनि विज्ञान के सूक्ष्म सिद्धांतों पर काम करने वाले मंत्र विज्ञान ने भी इस 'ऊँ' को बेहद लाभदायक ध्वनि बताया है। क्योंकि 'ऊँ' के उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि उच्चारणकर्ता को सीधे ब्रह्माण्ड की कॉस्मिक एनर्जी से जोड़ी देती है। इस कनेक्शन के जुडऩे से व्यक्ति को आश्चर्यजनक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।
आधुनिक विज्ञान ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया है कि 'ऊँ' शब्द के उच्चारण से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से कई फायदे होते हैं।
वैज्ञानिक शोध के निष्कर्ष:
अमेरीका के प्रो. जे. मोर्गन (एम.डी) ने अपने साढे चार हजर मरीजों का इलाज बिना दवाओं के केवल ओम बुलवाकर कर दिया। प्रो. के कहते हैं कि वाकई बडी जल्दी व बडा आश्चर्यजनक असर होता है। इसके उच्चारण से निकली ध्वनि-तरंगे रोगी की रोग-प्रतिरोधक क्षमता अचानक कई गुना बढ़ा देती हैं।
प्रयोग करें और लाभ उठाएं:
आप स्वर्य भी ओम के चमत्कारी लाभों से फायदा उठा सकते हैं। रोज प्रात: और सोते समय ओम का जाप पांच-दस मिनेट तक करें और फि़र कुछ देर बिना बोले (मानसिक) जाप करें। आप देखेंगे कि आपके सारे के सारे शारीरिक के और मानसिक रोग ठीक होते जा रहे हैं। बुद्धी व स्मरण-शक्ती, ताकत तथा उत्साह, प्रसन्नता बढती ही जायेगी। दस-बारह दिन में ही बडा आश्चर्यजनक असर नजर आने लगता है।
स्त्रोत - जीवन मंत्र, दैनिक भास्कर