Join Sai Baba Announcement List


DOWNLOAD SAMARPAN - Nov 2018





Author Topic: डिप्रेशन से बचने के 5 उपाय~~~  (Read 5935 times)

0 Members and 1 Guest are viewing this topic.

Offline tana

  • Member
  • Posts: 7074
  • Blessings 139
  • ~सांई~~ੴ~~सांई~
    • Sai Baba
ॐ सांई राम ~~~



डिप्रेशन से बचने के 5 उपाय~~~


 डिप्रेशन एक ऐसी स्थिति है जिसका शुरुआती दौर में तो शरीर पर कोई असर नहीं दिखता, लेकिन धीरे-धीरे यह आदमी के पूरे व्यक्तित्व पर छा जाती है और उसे नष्ट कर देती है। फिर इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पडने लगता है और अंतत: इसका शिकार व्यक्ति जीवन से निराश होकर आत्महत्या तक कर बैठता है। इसलिए यह जरूरी है कि पहले तो ऐसे उपाय अपनाए जाएं जिससे इसका शिकार ही न होना पडे। इसके बावजूद अगर कभी हो ही जाएं तो इसके उपचार की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर देनी चाहिए। आइए जानें पांच ऐसे उपाय जो आपको डिप्रेशन का शिकार होने से बचा सकते हैं।

व्यस्त रहें, मस्त रहें ~~~

जब भी आप किसी कारण से उदासी की ओर बढें या आपको कोई नकारात्मक भावना घेर रही हो तो सबसे पहला काम यह करें कि उस विषय पर सोचना ही छोड दें। इसका सबसे बढिया तरीका यह है कि आप इतने व्यस्त हो जाएं कि उस तरफ ध्यान ही न जाए। लगातार ऐसी गतिविधियों में संलग्न रहें जो आपके लिए प्रेरणादायक साबित हों। ऐसे काम करें जिनमें आपकी निजी दिलचस्पी हो। जिन्हें करने में आपको मजा आए। मसलन किताबें पढना, संगीत सुनना, खेलकूद में शामिल होना, घुमक्कडी, लिखना या चित्रकारी करना.. आदि। ऐसे सैकडों काम हैं जिनमें अगर एक बार आप खो जाएं तो फिर कितना समय बीत गया, इसका पता भी न चले। साथ ही इनमें एक बार मशगूल हो जाने के बाद नकारात्मक भावनाएं आपको छू भी न सकें। जरूरत है तो सिर्फ एक बात की और, वह है अपनी रुचियों की ठीक-ठीक पहचान करने की। अपनी रुचियों को पहचानें और ऐसे काम बिल्कुल न करें जिन्हें करना आप पसंद न करते हों।

जब आप एक बार अपनी रुचि की सही पहचान कर लें तो फिर उसी दिशा के अनुरूप जीवन का लक्ष्य भी निर्धारित करें। फिर इस बात का कोई मतलब नहीं रह जाएगा कि कोई स्थिति आपके लिए कितनी कठिन होती है। फिर मुश्किलें हल करने के तरीके भी आप खुद निकाल लेंगे। अच्छे-बुरे जैसे भी दिन आएंगे उन्हें आप झेलने में समर्थ होंगे और हर बाधा को पार भी कर लेंगे।

अंधेरे से बचें ~~~

यह तो आपने महसूस ही किया होगा कि प्रकाश की उपस्थिति में नींद आसानी से नहीं आती है। जबकि अंधेरे में इसके लिए कोई खास कोशिश नहीं करनी पडती है। ऐसा क्यों होता है, कभी सोचा है आपने। दरअसल इसकी वजह एक हार्मोन है। मेलाटोनिन नाम का यह हार्मोन हमें आलस्य, उदासी, चिडचिडेपन, अनमनेपन या हताशा की ओर ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है। जब आप सामान्य स्थितियों में सोना चाहते हैं तब सबसे पहले तो यह आपके शरीर के तापमान को कम करता है। फिर यह आपको पहले सुस्ती, फिर शांति और इसके बाद नींद में ले जाता है, लेकिन जब आप चिंता या तनाव से ग्रस्त होते हैं तो यही मेलोटेनिन आपको निराशा की भावना से भरने लग जाता है। जहां सामान्य स्थितियों में यह आपको शांति और राहत देता है, वहीं तनाव की स्थिति में यह आपके भीतर अनावश्यक रूप से बेचैनी, आशंकाएं, भय और हताशा उत्पन्न करता है। इसलिए जब आप डिप्रेशन का शिकार खुद को महसूस कर रहे हों तो कभी भी अंधेरे में न रहें। पूरे प्रकाश में रहें। बल्कि कोशिश यह करें कि ऐसी जगह रहें जहां भरपूर प्राकृतिक प्रकाश हो। यानी घर में बैठे या लेटे रहने के बजाय बाहर निकलकर घूमें-टहलें।

अपने लिए समय निकालें~~~

व्यस्त रहने का यह अर्थ बिल्कुल न लें कि आप अपने आपको भूल ही जाएं। अपने व्यावसायिक या पारिवारिक कामकाज करते हुए अपने स्वास्थ्य का भी पूरा खयाल रखें। साथ ही अपने रचनात्मक शौक भी पूरे करते रहें। कभी मधुर संगीत सुनें या अपनी पसंद की किताबें पढें। चाहें तो कहीं घूम आएं। या जो कुछ भी आपका शौक हो उसे पूरा करें। हां, शौक पूरा करते समय यह ध्यान जरूर रखें कि आपका शौक रचनात्मक हो। कोई ऐसा शौक पूरा करने की कोशिश न करें, जो आपकी ऊर्जा को नकारात्मक दिशा दे।

नहाने में वक्त थोडा ज्यादा लगाएं। हो सके तो देर तक शॉवर के नीचे बैठें। इससे ताजगी मिलेगी। जरूरत महसूस हो तो थकान मिटाने के लिए मसाज भी करा सकते हैं। इससे आपको शारीरिक तनाव से मुक्ति मिलेगी और जब शरीर तनावमुक्त होगा तो मन के तनावमुक्त होने के मार्ग खुलेंगे। इसलिए डिप्रेशन को दूर भगाने के लिए मौज-मस्ती जरूरी है।

संतुलित आहार लें~~~

डिप्रेशन अपने मूल रूप में मानसिक स्थिति है और मन बहुत हद आपके शरीर पर निर्भर है। शरीर स्वस्थ बना रहे, इसके लिए संतुलित आहार सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसी स्थिति में नशीले द्रव्य तो बिल्कुल ही न लें। बहुत ज्यादा मीठी चीजों से भी बचें। चीनी और कैफीन या एल्कोहॉल थोडी देर के लिए तो आपका ऊर्जा स्तर बढाती जरूर हैं, लेकिन बाद में ये चीजें आपको तनाव और हताशा की ओर ले जाती हैं। इसलिए ऐसी चीजों से बचें।

मेलजोल बढाएं ~~~

यह तो आप जानते ही हैं कि अकेलापन अपने आपमें कई रोगों की जड है। अकेलापन दो स्थितियों में भाता है। एक तो तब, जबकि आप कोई ऐसा रचनात्मक कार्य करना चाहें जिसमें पूरी एकाग्रता और शांति की जरूरत हो और दूसरी तब, जब आप लोगों के सवालों से बचना चाहते हों। लेकिन दूसरी स्थिति में अकेले कभी न पडें। यह अकेलापन जिंदगी से पलायन तक के लिए मजबूर कर सकता है। जबकि अगर आप समाज में हों तो सवालों के अलावा आपको अपने कई तरह के संशय के जवाब भी मिल सकते हैं। इसलिए अकेले पडने से बचें। लोगों से मिले-जुलें और मस्त रहें।



जय सांई राम ~~~
"लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

" Loka Samasta Sukino Bhavantu
Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

Offline jan

  • Member
  • Posts: 6
  • Blessings 0
om sai ram
aap ki ye salah muze bahot acchi lagi....lekin kya aap muze bata sakte ho ki depression aur anxiety may kya farak hai....ya phir deprssion ki wajah se hi anxiety hoti hai

jai sai ram
thanks

 


Facebook Comments