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Author Topic: मेरी दादी के घरेलू उपचार, आप के लिए  (Read 95553 times)

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Offline Ramesh Ramnani

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जय सांई राम़।।।

दो पके मीठे सेब बिना छीले प्रातः खाली पेट चबा-चबाकर खाने से गुस्सा शान्त होता है। पन्द्रह दिन लगातार खायें। थाली बर्तन फैंकने वाला और पत्नि और बच्चों को मारने पीटने वाला क्रोधी भी क्रोध से मुक्ति पा सकेगा।

जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क दुर्बल हो गये हो और जिन विद्यार्थियों को पाठ  याद नहीं रहता हो तो इसके सेवन से थोड़े ही दिनों में दिमाग की कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। साथ ही दुर्बल मस्तिष्क के कारण सर्दी-जुकाम बना रहता हो, वह भी मिट जाता है।

कहावत है - "एक सेब रोज खाइए, वैद्य डाक्टर से छुटकारा पाइए।"

या आंवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन प्रातः काल खायें और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दुध पी लें। बहुत क्रोध आना बन्द होगा।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।


अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline Ramesh Ramnani

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जय सांई राम़।।।

तुलसी एक दिव्य पौधा है।

तुलसी की २१ से ३५ पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भांति पीस लें और १० से ३० ग्राम मीठी दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खायें। ध्यान रहे दही खट्टा न हो और यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम दवा शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भुलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं। दवा दिनभर में एक बार ही लें परन्तु कैंसर जैसे असह्य दर्द और कष्टप्रद रोगो में २-३ बार भी ले सकते हैं।

इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी, ताजा जुकाम या जुकाम की प्रवृत्ति, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, मन्दाग्नि, कब्ज, गैस, गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते हैं।

यह प्रयोग कैंसर में भी बहुत लाभप्रद है।


अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई[/b
ॐ सांई राम।।।



« Last Edit: December 08, 2007, 11:52:39 PM by Ramesh Ramnani »
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline JR

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Excellent post...Ramesh Bhai

Sai Ram
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Offline Ramesh Ramnani

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जय सांई राम़।।।

गठिया (जोड़ों का दर्द)

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो - दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

या

नागौरी असगन्ध की जड़ और खांड दोनों समभाग लेकर कूट-पीस कपड़े से छानकर बारिक चुर्ण बना लें और किसी काँच के पात्र में रख लें। प्रतिदिन प्रातः व शाम चार से छः ग्राम चुर्ण गर्म दूध के साथ खायें। आवश्यकतानुसार तीन सप्ताह से छः सप्ताह तक लें। इस योग से गठिया का वह रोगी जिसने खाट पकड़ ली हो वह भी स्वस्थ हो जाता है। कमर-दर्द, हाथ-पाँव जंघाओं का दर्द एवं दुर्बलता मिटती है। यह एक उच्च कोटि का टॉनिक है।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।


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Offline Ramesh Ramnani

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पेट में कीडे

अजवायन का चूर्ण बनाकर आधा ग्राम लेकर समभग गुड में गोली बनाकर दिन में तीन बार खिलाने से सभी प्रकार के पेट के कीडे नष्ट होते है।

या सुबह उठते ही बच्चे दस ग्राम (और बडे २५ ग्राम) गुड खाकर दस - पन्द्रह मिनट आराम करें। इससे आंतों में चिपके सब कीडे निकलकर एक जगह जमा हो जायेंगे। फिर बच्चे आधा ग्राम (और बडे एक - दो ग्राम) अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ खायें। इससे आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे एकदम नष्ट होकर मल के साथ शीघ्र ही बाहर निकल जाते हैं। 

या अजवायन चूर्ण आधा ग्राम में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बालकों के कीडे नष्ट होते हैं। बडे अजवायन के चुर्ण चार भाग में काला नमक एक भाग मिलाकर दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी के साथ लें।

या अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम, साठ ग्राम मट्ठे या छाछ के साथ और बडो को दो ग्राम १२५ ग्राम मट्ठे के साथ देने से पेट के कीडे नष्ट होकर मल के साथ बाहर निकल जाते है।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline Ramesh Ramnani

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बैठे गले का इलाज़ 

कच्चा सुंहागा आधा ग्राम (मटर के बराबर सुहागे को टुकड़ा) मुँह में रखें और रस चुसते रहें। उसके गल जाने के बाद स्वरभंग तुरंत आराम हो जाता है। दो तीन घण्टों मे ही गला बिलकुल साफ हो जाता है। उपदेशकों और गायकों की बैठी हुई आवाज खोलने के लिये अत्युत्तम है।

या सोते समय एक ग्राम मुलहठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर सो रहें। प्रातः काल तक गला अवश्य साफ हो जायेगा। मुलठी चुर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी आसान और उत्तम रहेगा। इससे प्रातः गला खुलने के अतिरिक्त गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।
 
या रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। सर्दी जुकाम, स्वर भंग ठीक हो जाएगा। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुँह में रखकर धीरे-धीरे चुसते रहने से बैठा खुल जाता है।

या भोजन के पश्चात दस काली मिर्च का चुर्ण घी के साथ चाटें अथवा दस बताशे की चासनी में दस काली मिर्च का चुर्ण मिलाकर चाटें।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।


« Last Edit: December 13, 2007, 08:00:18 AM by Ramesh Ramnani »
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline Ramesh Ramnani

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तिल्ली एवं जिगर और तिल्ली, दोनों के बढ़ने पर

पुराना गुड़ डेढ़ ग्राम और बड़ी (पिली) हरड़ के छिल्के का चुर्ण बराबर वजन मिलाकर एक गोली दिन में दो बार प्रातः सायं हल्के गर्म पानी के साथ एक महीने तक लें। इससे जिगर और तिल्ली, यदि दोनों ही बढ़े हुए हों, तो भी ठीक हो जाते हैं।

इसके तीन दिन के प्रयोग से अम्लपित्त का भी नाश होता है।
   
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।



 

 

 
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline rajiv uppal

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  • ~*साईं चरणों में मेरा नमन*~
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राइनाइटिस ऍलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार

क्या आपकी नाक हमेशा अगर एक बार बहना शुरू हो जाए, तो थमने का नाम नहीं लेती? छींक पर छींक आती रहती हैं? आँखों से आँसू बहने लगते है और गले में खराश पैदा हो जाती है? अगर इन सवालों का जवाब “हाँ” है, तो आप राइनाइटिस ऍलर्जी के शिकार हैं। दुर्भाग्यवश ऍलोपेथी में इसकी रोकथाम के उपाय तो हैं, लेकिन जड़ से सही करने का कोई इलाज नहीं है।

हालाँकि इस व्याधि में आयुर्वेदिक उपचार बहुत कारगर है। आयुर्वेद का प्रयोग कर इस बीमारी से पूरी तरह निजात पा सकते हैं। इसके लिए कुछ ख़ास बातें ध्यान में रखनी होंगी –



1: “अणु तैल” की दो-दो बूंदों से दिन में दो बार नस्य-क्रिया करें।
2: “ब्राह्म रसायन” का सेवन करें।
3: रात को देर तक न जागें और सुबह जल्दी उठें।
4: कफ-वर्धक पदार्थों के सेवन से दूर रहें।
..तन है तेरा मन है तेरा प्राण हैं तेरे जीवन तेरा,सब हैं तेरे सब है तेरा मैं हूं तेरा तू है मेरा..

Offline Ramesh Ramnani

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बालों का समय से पहले सफेद होना 

एक चम्मच भर आंवला चूर्ण दो घूंट पानी से सोते समय अंतिम वस्तु के रूप में लें। असमय बाल सफेद होने और चेहरे की कान्ति नष्ट होने पर जादू का सा असर करता है। (साथ ही स्वर को मधुर और शुद्ध बनाता है तथा गले की घर-घराहट भी इससे ठीक हो जाती है।

या आंवला चूर्ण का लेप - सूखे आंवलों के चूर्ण को पानी के साथ लेई बनाकर इसका खोपड़ी पर लेप करने तथा पाँच दस मिनट बाद केशों को जल से धो लेने से बाल सफेद होने और गिरने बन्द हो जाते है।

या आंवला जल से सिर धोना सर्वोत्तम - विधि इस प्रकार है - २५ ग्राम सूखे आंवलों के यवकूट (मोटा-मोटा कूटकर) किए हुए टुकड़ों को २५० ग्राम पानी में रात को भिगो दें। प्रातः फूले हुए आंवलों को कड़े हाथ से मसलकर सारा जल पतले स्वच्छ कपड़े से छान लें। अब इस निथरे हुए जल को केशों की जड़ों में हल्के-हल्के अच्छी तरह मलिए और दस बीस मिनट बाद केशों को सादे पानी से धो डालिए। रूखे बालों को सप्ताह में एक बार और चिकने बालों को सप्ताह में दो बार धोना चाहिए। आवश्यकता हो तो कुछ दिन रोजाना भी धोया जा सकता है। केश धोने के एक घंटे पहले या जिस दिन केश धोने हों, उसके एक दिन पहले रात में आंवलों के तेल की मालिश केशों में करें।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।
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Offline rajender1555

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ramesh g thats great post ......
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Offline Ramesh Ramnani

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कब्ज 

कब्ज होने पर रात्रि सोते समय दस बारह मुनक्के (पानी से अच्छी तरह धोकर साफ कर बीज निकाल कर) दूध में उबाल कर खाएँ और ऊपर से वही दूध पी लें। प्रातः खुलकर शौच लगेगा। भयंकर कब्ज में तीन दिन लगातर लें और बाद में आवश्यकतानुसार कभी-कभी लें। 

या  त्रिफला चुर्ण चार ग्राम (एक चम्मच भर) २०० ग्राम हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होता है।

या दस ग्राम (दो चम्मच) ईसबगोल की भूसी छः घंटे पानी में भिगोकर इतनी ही मिश्री मिलाकर रात सोते समय जल के साथ लेने से दस्त साफ आता है। इसे केवल पानी के साथ वैसे ही, बिना भिगोये ही, रात्रि सोते समय लिया जा सकता है।

या ईसबगोल की भूसी दस से पन्द्रह ग्राम (दो से तीन चम्मच) की मात्रा में २०० ग्राम गर्म दूध में भिगो दें। यह फूलकर गाढ़ी हो जाएगी। इसे चीनी मिलाकर खाएँ और ऊपर से थोड़ा और गर्म दूध पी लें। शाम को इसे लें तो प्रातः मल बंधा हुआ साफ आ जाएगा।

या ईसबगोल की भूसी १० - १५ ग्राम की मात्रा में थोड़े गर्म दूध के साथ मिलाकर नित्य रात को सोते समय खाने से प्रातः को पेट साफ हो जाता है। दूध में आधा पानी मिलाकर एक या दो उबाल आने तक औटाना चाहिये।

या आरंड़ का तेल अवस्थानुसार एक से पांच चम्मच की मात्रा से एक कप गर्म पानी या दूध में मिलाकर रात सोते समय पीने से कब्ज दूर होकर साफ आता है।

या आरंड़ का तेल बहुत ही अच्छा हानि रहित जुलाब है। इसे छोटे बच्चे को भी दिया जा सकता है और दूध के विकार से पेट दर्द तथा उल्टी होने की अवस्था में भी इसका प्रयोग बहुत हितकारी होता है।

या पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कब्ज - दो संतरों का रस खाली पेट प्रातः आठ दस दिन पीने से पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कैसा भी कब्ज हो, ठीक हो जाता है।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

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Offline Ramesh Ramnani

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JAI SAI RAM!!!

Bleeding Gums
 
Treatment for Bleeding gums :
 
Gingivitis (pronounced "jin-ja-VI-tus" ), is the inflammation, swelling, and bleeding of gum tissues.
 
Have you ever wondered when your gums bleed when you brush your teeth? It is a first sign of gingivitis.
 
The primary cause of gingivitis is the bacteria that coats your teeth, and if oral hygiene is poor, it forms a sticky white substance called plaque.
 
The bacteria here proliferates faster and produces toxins that irritates your gums, keeping them swollen and red.
 
When they are left untreated, they will destroy the tissues connecting the gums to the tooth, and eventually the tooth to the bones, causing a deep pocket and eventually attacks the bony structure. It has now progressed into what we call periodontitis which is an irreversible form of gum disease.

tips & home remedies for bleeding gums

With a pinch of salt soaked in a glass of lukewarm water, you now create a homemade saline solution. Use this to rinse in the morning and in the evening. This will help increase circulation in your gums and reduce the swelling.

No matter how well and how often you brush your teeth, you can't reach the areas between your teeth and below the gums. Make the habit of flossing. Floss comes in very handy. Keep one in your bag or at your office. After meal, floss it!
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline tana

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Om Sai Ram~~~

HOME REMEDIES FOR WEAKNESS~~~

1.Take 1 Cup beetroot juice, 1 cup of apple juice, mixed with either sugar or honey once a day to prevent anemia.
2.Take a ripe banana with 1 tbsp of honey 2 times a day for treatment of weakness.
3.A mixture of apple and tomato juice also helps to fight against the weakness.
4.Eating a lot of salad also helps to prevent anemia.
5.Honey is very good for an anemic person because it helps increase the hemoglobin in the blood. It is rich in iron, copper and manganese. rtant for the absorption of iron. It is recommended to take two any citrus fruits daily.
6.Beets are very important in the cure of anemia. Its juice contains potassium, phosphorus, calcium, sulphur, iodine, iron, copper, carbohydrates, protein, fat, and vitamins B1, B2, B6, C and P.
7.Drink peppermint tea to increase appetite.
8.Oranges stimulate the flow of digestive juices, thereby improving digestion and increasing appetite.
9.The juice of sour grapes is another effective home remedy for anorexia. The juice of these grapes should be used in kneading the flour before preparing chapattis. Chapattis made in this manner should be eaten continuously for two to three weeks.
10.About one teaspoon of the juice of lime should be mixed with an equal quantity of the juice of ginger. One gram of rock salt should be added to this mixture. It should then be placed in sunlight for three days. A teaspoon taken after each meal will tone up the digestive system and improve the appetite.
11.Apples help in digestion by stimulating the flow of pepsin, a protein-digesting enzyme, in the stomach.
12.Three or four cloves of raw garlic should be boiled in a cup of water. This soup can be reinforced with the juice of half a lemon and taken twice daily.
13.About five grams of ginger should be ground and licked with a little salt once a day for the treatment of weakness.
14.The application of an ice bag over the stomach for half an hour before meals, and a cool hipbath once or twice daily, will help in curing anorexia.
15.An early morning sunbath, taken one day, should be alternated with an early morning cool air bath the next day.
16.Supplements of vitamins and minerals should be taken to increase the appetite.
17.Drink lots of water by adding some water or salt to it. This is an effective home remedy for weakness.
18.Prepare a mixture by ading 1 Tbsp poppy seeds, 1 tsp edible gum, 1 tsp cardamom powder, 1/2 tsp nutmeg (jaiphal) powder, and2 tbs sugar, and grind to a powder. Take this powder every 2 hours.
19.Prepare a mixture by adding 1/2 tsp lemon juice, 1/2 tsp ginger juice, and 1/4 tsp pepper powder and drink it. This is an effective home remedy for weakness.
Small, frequent feeds of energy-rich local foods familiar to the child should be given. A little vegetable oil can be added to foods such as millet or rice to increase the energy content.
20.Take yogurt, buttermilk, mint, apple, pomegranate, papaya, banana, carrot, potato, etc.

Jai Sai Ram~~~
"लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

" Loka Samasta Sukino Bhavantu
Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

Offline Ramesh Ramnani

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पेचिश (नई या पुरानी)

स्वच्छ सौंफ ३०० ग्राम और मिश्री ३०० ग्राम लें। सौंफ के दो बराबर हिस्से कर लें। एक हिस्सा तवे पर भून लें। भुनी हुई और बची हुई सौंफ लेकर बारीक पीस लें और उतनी  ही मिश्री (पिसी हुई) मिला लें। इस चूर्ण को छः ग्राम (दो चम्मच) की मात्रा से दिन में चार बार खायें। ऊपर से दो घूँट पानी पी सकते हैं। आंवयुक्त पेचिश - नयी या पुरानी (मरोड़ देकर थोडा-थोडा मल तथा आंव आना) के लिए रामबाण है। सौंफ खाने से बस्ती-शूल या पीड़ा सहित आंव आना मिटता है।

या दही, भात, मिश्री के साथ खाने से आंव-मरोड़ी के दस्तों में आराम आता है।

या मैथी (शुष्क दाना) का साग बनाकर रोजाना खावें अथवा मैथी दाना का चूर्ण तीन ग्राम दही में मिलाकर सेवन करें। आंव की बिमारी में लाभ के अतिरिक्त इससे पेशाब का अधिक आना भी बन्द होता है। प्रतिदिन मैथी का साग खाने से आंव की बिमारी अच्छी होती है। और पेशाब का अधिक आना बन्द होता है।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।
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संतरे के छिल्कों को छाया में सुखाकर बनाया गया बारिक चूर्ण और बराबर मात्रा में बेसन (अथवा बारीक पिसी हुई मुल्तानी मिट्टी दुगुनी) मिलाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को पन्द्रह मिनट पानी में भिगोने के बाद गाढ़ा घोल बना लें और इसका मुंहासिं पर लेप करं। दस मिनट लगा रहने के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लिया जाए तो इस प्रकार ४-६ सप्ताह के प्रयोग से मुंहासे नष्ट हो जाते हैं।

उपरोक्त संतरे के छिल्कों का महीन चुर्ण को गुलाब जल में मिलाकर बनाये गये घोल का लेप करने से चेहरे के मुंहासे नष्ट होते हैं तथा चेचक के दाग भी दूर होते हैं।

शीघ्र लाभ प्राप्त करने हेतु उपरोक्त प्रयोग के साथ-साथ त्रिफला-चूर्ण दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी से रात्री सोते समय लेते रहें।

मुनक्का १० नग पानी से साफ कर लें और रात को ६० ग्राम पानी में भिगो दें। प्रातः बीज निकालकर खा लें और बचे पानी में थोड़ी मिश्री या शक्कर मिलाकर या वैसे ही पी लें। एक मास तक सेवन करने से मुंहासे निकलने बन्द हो जाएंगे तथा खून साफ होगा।
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