मैं बालक हूँ साँई मेरी माता साँई से मेरा है जनमों का नाता मैं बालक हूँ साँई मेरी माता साँई से मेरा है जनमों का नाता
हे मेरे साँई बाबा आपकी सदा ही जय हो कल यदि आपने नहीं मदद की होती तो मैं बहुत बड़ी परेशानी में फँस जाती । हे साँई बाबा एसे ही सदा अपने बच्चों की सहायता करते रहना । बाबा मैं धन्यवाद जैसे छोटे शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहती एसा कहके कहीं न कहीं मुझे लगता है कि जैसे धन्यवाद कहके मैं बरी हुई । इसलिये हे मेरे साँई मैं बार-बार आपकी शरण में आऊँ और हर बार आप मुझे उस विपदा से उबारें ताकि आपके चरणों में मेरी प्रीति दिनों दिन प्रगाढ़ होती जाए । एसी ही मेरी सदा इच्छा बनी रहे बाबा यही वर दो ।
ॐ साँई राम