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Prayers Section => Thank You Sai Baba For My Answered Prayers => Topic started by: Apoorva on December 03, 2007, 02:24:53 PM

Title: साई कृपा
Post by: Apoorva on December 03, 2007, 02:24:53 PM
आज से कुछ दिनों पहले मन किसी बात को ले कर बड़ा ही व्यथित था | वह बात कि मेरी और मेरी होने वाली पत्नी की  कुंडलियों का न मिलना ...संयोग से यह site मिल गई और मेरे मन को बड़ी सांत्वना मिली | धीरे धीरे इस साई परिवार के लोगो से परिचय भी हो गया | मेरी आंतरिक वृतियों में मुझको सुधार महसूस हुआ, और रोज कभी बाबा की लीला पढ़कर, कभी आपने भाई बहिनों के पत्र पड़ कर मुझे मेरे ह्रदय में शान्ति और आनंद का अनुभव हुआ | मैं तो सिर्फ़ एक कष्ट के लिये प्रभु से प्रार्थना कर रहा था, और वह मेरी समस्या के समाधान के साथ साथ मेरा उध्हार किये जा रहे थे | मैने आपने हृदय में कभी भी इतनी तीव्र भक्ति की लहर नही महसूस करी थी जितनी की पिछले पन्द्रह दिनों मैं करी | मेरे साई ने हमेशा मेरे विश्वास को और मजबूत किया है, मेरी उनके श्री चरणों में यही प्रार्थना है की वह हमेशा मेरे ऊपर आपनी कृपा बनाये रखें, मेरा हृदय उनके चिंतन में हमेशा लगा रहे, सोते जागते हर पर उनकी मूरत मेरी आंखों के आगे रहे |
उस मालिक का धन्यवाद कैसे करूं मैं नही जानता...मैने पढ़ा था कि सदगुरु का वर्णन करने मैं तो वेद और पुराण भी असमर्थ है, फ़िर मैं, एक सामन्य मनुष्य, कैसे उनकी कृपा का बखान कर सकता हूँ | न जाने कितने समय से यह अज्ञान का परदा आंखों पर पड़ा हुआ था ...अब उनकी कृपा से कुछ आंखें खुली है तो पता चल रहा है कि जीवन का एक एक क्षण उन्ही की कृपा से गुजर रहा है|
उनकी कृपा से सब कुछ ठीक हो गया है |  उनकी इस दया से न केवल मुझको बल्कि मेरे पूरे परिवार को मानसिक शान्ति प्राप्त हुई है | मेरे साई ने मेरी भौतिक समस्या को हल किया ही है, संग संग में मेरी अध्यात्मिक चेतना के स्तर को बढाया है, आपको कोटिश प्रणाम साईनाथ, आपको कोटिश प्रणाम |
"देव, मुझमें अगिनत कमियाँ है, मेरी कमियों को क्षमा कर मुझे सद्बुद्धि देना और सदैव मुझ पर कृपा बनाये रखना,
ऐसी आपके मंगल चरणों में मेरी प्रार्थना है" |
ॐ साई राम
Title: Re: साई कृपा
Post by: Admin on December 03, 2007, 02:39:39 PM
Very good Apoorva. You are a good writer.

keep up the good work. I am adding a Karma for your post as I like this very much. I would suggest you to keep writing and I will post them to our new website.

Jai Sai Ram
Title: Re: साई कृपा
Post by: tana on December 03, 2007, 11:45:36 PM
ॐ सांई राम~~~

सांई कृपा~~~

"जा पर कृपा सांई की होइ,
  ता पर कृपा करे सब कोई "

अपूर्वा जी बाबा की कृपा आप पर सदा बनी रहे~~~

जय सांई राम~~~
Title: Re: साई कृपा
Post by: Apoorva on December 04, 2007, 02:53:12 PM
आदरणीय रवि जी एव ताना जी,
बाबा की दया और आप सभी का प्रेम मेरे ऊपर बना रहे | रवि जी, जिन्होंने दासगणु जी को अपने समय का सबसे महान किर्थंकर ( हरिदास ) बना दिया, वही मुझ से भी लिखवा रहे है | मेरी नाथ से यही विनती है की मन में उनके प्रति भाव भरे रहे ....भाव आपने आप सुंदर लेखनी में बदल जाते है | सदगुरु की कृपा से ही इस संसार में सबकुछ होता है | इसलिये उनके श्री चरणों में यही प्रार्थना है ...........

दीन दयालु, हे कृपालु,  कृपा तुम ऐसी करो
खुशियों से हम बच्चो की झोली अब तुम भर दो,
झोली अब तुम भर दो साई, मन में छाये उजियारा
ॐ जय साईनाथ, जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा, तुम्हें श्रद्धा नमन हमारा,
ॐ साई राम
Title: Re: साई कृपा
Post by: Apoorva on December 06, 2007, 04:32:11 PM
सदगुरु की तुलना तो सब कामनाओ को पूर्ण करने वाली इच्छामणि से भी नही करी जा सकती, क्योंकि उस मणि से प्राप्त करने के लिये हमको पहले इच्छा करनी होती है | परन्तु सदगुरु अपने शिष्य की इच्छाओ के जन्म लेने से पहले ही उनको पूर्ण कर देते | यहाँ कोई यह प्रश्न उठा सकता है कि जब इच्छा हुई ही नही तो उसे पूर्ण कैसे किया जा सकता है | इस प्रश्न कि विवेचना के लिये हमको थोड़ा गहरे से चिंतन करना होगा |
वस्तुत: यदि देखा जाये तो इस संसार में समस्त प्राणी चेतनाओ के विभिन्न स्तर है,  जिसका हम लोग अपने सामान्य ज्ञान के आधार पर वर्गीकरण कर लेते है | जैसे यह कहना कि, अमुक जानवर अमुक जानवर से ज्यादा समझदार होता है या,  मनुष्य जानवरों की अपेक्षा अधिक समझदार है,  अमुक मनुष्य अमुक मनुष्य से ज्यादा ज्ञानी है |
हर चेतना के स्तर पर होने वाली घटनाये, परिस्तिथिया और उनका उस चेतना के प्राणी पर प्रभाव व उस प्राणी की प्रतिक्रिया, यह सभी आपस में मजबूती से सम्बद्ध है | प्राणी अपनी शुरुआत चेतना के किसी एक स्तर से करता है और आपने कर्मो के अनुसार अपने चेतना स्तर को उठता या गिराता है | यदि वह लगातार आपनी चेतना के स्तर को उठता चला जाये तो वह चेतना के उच्चतम शिखर पर पहुँच जाता, वह शिखर ही परमात्मा है, ब्रह्म है |
सदगुरु अपनी चेतना के उच्चतम शिखर पर पहुँचे हुये होते है, इसलिये गुरु और गोविन्द में कोई भेद नही है | यदि यह दोनों एक ही है तो फ़िर कबीर ने गुरु को ईश्वर से भी उच्च दर्जा कैसे दिया ......
"गुरु गोविन्द दोनों खडे, काके लागूं पायं |"
"बलिहारी गुरु आपणे गोविन्द दियो मिलाय ||"
आयु बढ़ने के साथ साथ संसार में हमारी समझ और अनुभव बढता है | चूँकि सदगुरु चेतना के उच्चतम स्तर है, इसलिये उनको चेतना के प्रत्येक स्तर का सम्पूर्ण ज्ञान होता है और इसी कारण से वे हमारी तात्कालिक ही नही बल्कि भविष्य की भी चेतना और उसमें होने वाली परिस्तिथिया जानते है |
यह सदगुरु की करुणा ही है की वह हम सब प्राणियो का मार्गदर्शन करते है, हर प्राणी को उसकी तात्कालिक चेतना के अनुसार, उच्च चेतना के मार्ग पर आगे बढाते है, और हमारी चेतानाओ के कारण उत्पन्न होने वाली स्तिथियो में हमारी रक्षा करते है | कबीर के ही शब्दों में ....
सदगुरू की महिमा अनंत, अनंत कियो उपकार |               
अनंत लोचन उघडिया,  अनंत दिखावनहार ||     
ॐ साई राम
Title: Re: साई कृपा
Post by: Dnarang on December 06, 2007, 11:34:36 PM
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Title: Re: साई कृपा
Post by: rajiv uppal on December 15, 2007, 11:40:15 PM






साईं कृपा भरपूर मैं पाऊं,

परम प्रभू को भीतर लाऊं ।





Title: Re: साई कृपा
Post by: Dnarang on December 16, 2007, 10:14:36 PM
Om Sai Namo Namah
Sri Sai Namo Namah
Jai Jai Sai Namo Namah
Sadguru Sai Namo Namah

Om Sai Namo Namah
Sri Sai Namo Namah
Jai Jai Sai Namo Namah
Sadguru Sai Namo Namah
Title: Re: साई कृपा
Post by: MANAV_NEHA on December 22, 2007, 05:47:26 AM
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Jai Sai Ram Jai Sai Ram
Title: Re: साई कृपा
Post by: Apoorva on January 02, 2008, 03:10:07 PM
Thanks Baba, your blessings cannot be described in words. You are always there for me.
Abhi nai jagah par bhe aap meray saath chalna. Hamesha meray pass rehna Deva.
hamesha....jyada nahi likh sakta .......always fell short of words and I know that you don't need a verbal communication to understand what I feel.
Just want to see you only, no matter the eyes are open or closed.
Just want to hear you only, no matter in silence or in sound of world
Just want to feel you only, whether in depression or joy
O my dear master, always keep me in your feet,
may this heart should not asked for any other treat

Om Sai Ram
Title: Re: साई कृपा
Post by: JR on January 03, 2008, 09:18:01 AM
Jai Sai Ram

Baba aap hamesha sabhi ko sari khushiya de Baba sabki Raksha karo.

Jai Sai Ram
Jai Sai Ram
Jai Sai Ram
Jai Sai Ram.
Title: Re: साई कृपा
Post by: my_sai on January 03, 2008, 11:10:56 AM
sai ma aapka jindgi bher aise hi saath de .
बाबा की दया और कृपा सभी पर बनी रहे
बाबा की दया और कृपा सभी पर बनी रहे
बाबा की दया और कृपा सभी पर बनी रहे
बाबा की दया और कृपा सभी पर बनी रहे
बाबा की दया और कृपा सभी पर बनी रहे
बाबा की दया और कृपा सभी पर बनी रहे
Title: Re: साई कृपा
Post by: Dnarang on January 04, 2008, 05:12:07 AM
Om Namah Bhagwate Vasudevaya
Om Namah Bhagwate Sainathaya
Om Namah Bhagwate Vasudevaya
Om Namah Bhagwate Sainathaya
Om Namah Bhagwate Vasudevaya
Om Namah Bhagwate Sainathaya
Om Namah Bhagwate Vasudevaya
Om Namah Bhagwate Sainathaya
Om Namah Bhagwate Vasudevaya
Om Namah Bhagwate Sainathaya
Title: Re: साई कृपा
Post by: MANAV_NEHA on January 11, 2008, 05:02:09 AM
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah
om shri sai nathay namah