जय सांई राम।।।
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया तेरी हर बात का शुक्रिया। तेरी हर उस मेहरबानी का जो तूने मुझ पर की है आज तक। बाबा 'उस' वक्त के दौरान मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि 'मै ही क्यों? मुझे ही क्यों? लेकिन आज मुझे लगता है और मैं गर्व के साथ कह सकता हूँ कि 'मै क्यों नही'? 'मुझे क्यों नही'? वाह बाबा वाह तेरा जवाब नही। तेरी अदाओं का यंहा कोई हिसाब नही। तेरा ढंग ही निराला है बाबा। अब मैने जाना तेरी ना में हाँ कैसे समाहित होता है। काश़ तेरे हर किये का मेरे सब भाई बहनों को समझ आ सके और तेरी हर बात का शुक्रिया करना आ सके सबको। शिरडी बस जाये उनके ह्रदय में सदा के लिये। वाह मेरे सांई वाह।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।