जय साँई राम।।।
आप सबको वेलेंटाइन डे मुबारक। एक बार फिर प्यार का पर्व वेलेंटाइन डे हर्षोउल्लास के साथ सब जगह मनाया जा रहा है। वेलेंटाइन डे मनाने की परंपरा हमारे देश में भले ही कुछ सालों से हो लेकिन संसार के कुछ हिस्सों में प्रेमी यह पर्व एक लंबे अरसे से मनाते रहे हैं। इस प्रेम पर्व को मनाने के तौर-तरीके और रीति-रिवाज बड़े अनोखे व रोचक रहे हैं। प्यार के इजहार का प्रतीक माना जाने वाला यह दिन एक ऐसे संत के बलिदान का दिन है जिसने प्यार किया और प्यार करने वालों को बंधन में बांधने का प्रयास किया। ऐसा कहा जाता है कि रोम के शासक क्लोडियस द्वितीय ने अपने शासनकाल में अपने सिपाहियों पर अपनी प्रेमिकाओं से मिलने व शादी करने पर रोक लगा दी थी।
तब इस प्रेम पुजारी वेलेंटाइन ने लोगों की छुपकर शादियां करवाई और प्रेम करने वालों को मिलाया। इसी वजह से क्लोडियस ने वेलेंटाइन को 14 फरवरी 269 ई. को मृत्युदण्ड दे दिया। वेलेंटाइन ने मृत्यु से पहले अपनी दोस्त जो कि जेलर की बेटी थी के नाम एक खत लिखा जिसमें उसने लिखा-फ्रॉम योर वेलेंटाइन। इसी दिन को प्यार के प्रतीक के दिन में संत वेलेंटाइन के नाम पर वेलेंटाइनडे के नाम से विश्व में मनाया जाने लगा।
आइऐ आज हम सब मिलकर बाबा साँई को जो खुद प्रेम के प्रतीक थे को अपना वेलेंटाइन बनाऐं।
आइऐ आज हम सब मिलकर बाबा साँई को जो खुद प्रेम के प्रतीक थे को अपना वेलेंटाइन बनाऐं।
मेरा साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा मेरा साँई
ॐ साँई राम