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Author Topic: आज का सुविचार....  (Read 16809 times)

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Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
Re: आज का सुविचार....
« Reply #15 on: April 24, 2012, 01:40:51 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    जो गुणों को देखता है वह बुराइयों को नहीं देखता है।

    ॐ साईं राम

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: आज का सुविचार....
    « Reply #16 on: April 24, 2012, 01:44:15 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    कबीर जी ने कहा है

    बुरा जो खोजन मैं चला, बुरा न मिलिया कोई,
    जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

    कबीर अपने आपको बुरा कह रहे हैं। यह एक अच्छे आदमी का परिचय है, क्योंकि अच्छा आदमी स्वयं को बुरा और दूसरों को अच्छा कह सकता है। बुरे आदमी में यह सामर्थ्य नहीं होती। वह तो आत्म प्रशंसक और परनिंदक होता है।

    ॐ साईं राम

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: आज का सुविचार....
    « Reply #17 on: May 17, 2012, 12:36:17 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    "सठ सन विनय कुटिल सन प्रीती,सहज कृपन सन सुंदर नीति
    ममता रत सन ग्यान कहानी ,अति लोभी सन बिरति बखानी
    क्रोधिहि सम कामिहि हरी कथा, ऊसर बीज बए फल जथा "

    ॐ साईं राम

    Offline get_sai

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    • Thanks a lot ....Baba
    Re: आज का सुविचार....
    « Reply #18 on: October 22, 2012, 04:36:57 AM »
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  • जात के दुश्मन जात :

    इस कहावत में एक मौलिक विचार अंकित है - समान जाति के लोग ही एक दुसरे के बैरी होते हैं .
    बाहरी शत्रु से भी यही लोग आपस में लड़ कर एक दूसरे के विनाश पर टूल जाते हैं .
    Oriya कहावत देखिये , - " अपने वंश का नाश करने वाली बिल्ली अपना बच्चा खाए ."

    The proverb tells us of the fact that one's enemy is of one's own kind.
    For instance the Oriya proverb - ' The family destroying male cat, eats up its own child '.

    जात के दुश्मन जात, काठ के दुश्मन काठ

    (अपना शत्रु अपनी ही जात का होता है , जैसे काठ का दुश्मन काठ . कुल्हाड़ी का मुठिया काठ का ही होता है , और काठ को ही काटता है .)
    One's enemy is of the same caste, as the wood is the enemy of wood. ( The handle of an axe is made of wood, and it helps the axe to cut the wood.)
    Jai sai Ram

    Offline get_sai

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    • Thanks a lot ....Baba
    Re: आज का सुविचार....
    « Reply #19 on: December 11, 2012, 03:31:41 AM »
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  • JaI SaI RaM

    घर के बाहर भले ही दिमाग ले जाओ
    क्योंकि दुनियाँ एक ‘बाजार’ है,
    लेकिन घर के अंदर सिर्फ दिल ले जाओ
    क्योंकि वहाँ एक ‘परिवार’ है…....!!!

    JaI SaI RaM
    Jai sai Ram

    Offline PiyaSoni

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    • ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ
    Re: आज का सुविचार....
    « Reply #20 on: January 16, 2013, 05:56:47 AM »
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  • मंझिल मिल ही जायेगी,
    भटकते हुए ही सही,
    गुमराह तो वोह हैं,
    जो घर से निकले ही नहीं
    .
    "नानक नाम चढदी कला, तेरे पहाणे सर्वद दा भला "

     


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