जय सांई राम।।।
मैं तो बस यह जानता हूँ कि बाबा सरकार की हर दी हुई चीज़ का अपना महत्व, मकसद होता है। उसका रंग, आकार कुछ भी हो। मेरे दोस्त तुम भाग्यशाली हो कि बाबा के दरबार से कुछ प्राप्त करके आये हो। शिरडी की द्वारकामाई के इन अश्कों को हमेशा संजो के रखना, ये बेशुमार दौलत है बाबा के प्रेम की, अपने प्रियतम भक्तों को ही पुरस्कार स्वरूप देते है मेरे बाबा। शिरडी से वापस कंहा आये हो दोस्त शिरडी ही को साथ लाये हो अपने। बनाना अपने घर को बाबा की बसंत बहार शिरडी।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।