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Author Topic: Sai mamta -happy mothers day  (Read 1232 times)

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Offline saiprincess

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Sai mamta -happy mothers day
« on: May 13, 2012, 12:31:14 PM »
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  • I love you the most.
    I see you always.
    I belong to you only.
    I talk only about you.
    I ceaselessly meditate upon you.
    I always chant your name.
    I feel indebted to you.
    You have loved me so much.
    I deserve not a bit.
    I remember you always.

    I dont know what is self realization.
    I am thirsty for your realization.
    I am hungry for this oneness.
    I give you my mind.
    And with it everythng that it contains.
    So that i will come only to you.
    Be one with you.
    Just as the river gets to the sea.
    I want to merge in you.


    https://www.facebook.com/pages/Shirdi-sai-baba-ek-tu-hi-sahara/269600233134111

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: माँ दिवस पर विशेष
    « Reply #1 on: May 13, 2012, 01:42:59 PM »
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  • ॐ श्री साईं नाथाय नमः

    कवि ओम व्यास ओम

    माँ, माँ-माँ संवेदना है, भावना है अहसास है
    माँ, माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है,

    माँ, माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है,
    माँ, माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है,

    माँ, माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है,
    माँ, माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है,

    माँ, माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा है,
    माँ, माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है,

    माँ, माँ झुलसते दिलों में कोयल की बोली है,
    माँ, माँ मेहँदी है, कुमकुम है, सिंदूर है, रोली है,

    माँ, माँ कलम है, दवात है, स्याही है,
    माँ, माँ परमात्मा की स्वयं एक गवाही है,

    माँ, माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है,
    माँ, माँ फूँक से ठँडा किया हुआ कलेवा है,

    माँ, माँ अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है,
    माँ, माँ जिंदगी के मोहल्ले में आत्मा का भवन है,

    माँ, माँ चूडी वाले हाथों के मजबूत कं धों का नाम है,
    माँ, माँ काशी है, काबा है और चारों धाम है,

    माँ, माँ चिंता है, याद है, हिचकी है,
    माँ, माँ बच्चे की चोट पर सिसकी है,

    माँ, माँ चुल्हा-धुँआ-रोटी और हाथों का छाला है,
    माँ, माँ ज़िंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है,

    माँ, माँ पृथ्वी है, जगत है, धूरी है,
    माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है,

    तो माँ की ये कथा अनादि है,
    ये अध्याय नही है…
    …और माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं है,


    तो माँ का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता,
    और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता,


    दुनिया की सभी माताओं को मेरा प्रणाम |

    ॐ साईं राम 

     


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