आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे ... आन मिलो
आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे, बृज में अकेली राधे खोई-खोई फिरे
ओ राधे खोई-खोई फिरे, ओ कान्हा आन मिलो
ओ ... आन मिलो आन मिलो ...
बृंदावन की गलियों में तुम बिन जियरा ना लागे
ओ ... जियरा ना लागे
निस दिन तुम्हारी बाट देखे व्याकुल नैना भागे
व्याकुल नैन भागे ...
अब ही ऐसी दशा है मन की क्या होवै फिर आगे रे
बृज में अकेली राधे खोई-खोई फिरे
ओ राधे खोई-खोई फिरे
ओ कान्हा आन ...
आज न काहे जमुना तीरे मुरली मधुर बजाई
ओ ... मुरली मधुर बजाई
आज न काहे सखियां के संग हिल-मिल रास रचाई
ओ ... मिल-मिल रास रचाई
हमार आंगन छोड़ के तोहे कौन नगरिया भाई रे
बृज में अकेली ...
अजहुं न भेजे रे मोहन तैने कोई खबरिया (२)
ओ ... तैने कोई खबरिया
हो गई है ये बृज कि बाला रो-रो कर बावरिया
रो-रो कर बावरिया
धीर बंध जा ... धीर बंध जा
मुख दिखला जा नट नागर सांवरिया रे
बृज में अकेली राधे ...