लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी,
ज़िंदगी शम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी
हो मेरे दम से यू ही मेरे वतन की ज़िनत,
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़िनत
ज़िंदगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब,
ईलम की शम्मा से हो मुजको मुहोबात या रब
हो मेरा काम गरीबो की हिमायात करना,
दर्द मंदो से जईफो से मुहोब्बत करना
मेरा अल्लाह बुराई से बचाना मुजको,
नेक जो राह हो ऊस राह पे चलाना मुजको
ॐ साईराम ॐ साईराम ॐ साईराम