ऊँ सांई राम
तबै निरंजन बोले बानी । सकल जीव बस हमरे ज्ञानी ।।
तिनसौ साठ पैठ उरझेरा । कैसे हंसन लेव उबेरा ।।
अर्थ - निरंजन ने कहा - कि तुम जीवों को कैसे छुड़ाओगे । सब जीवों को मैंने उलझाया हुआ है । 360 ऐसे स्थान है, जहाँ पर निरंजन ने थोड़ी-2 शक्तियां रखी हुई है । इन्हीं को देख जीव उलझे हुए है । दुनिया में बड़ा बहम है परमात्मा के विषय में । कोई किसी स्थान को मान रहा है तो कोई किसी को । जो जिस चीज को मान रहा है, उससे आगे बढ़ने का प्रयास ही नहीं कर रहा ।
जय सांई राम