जय सांई राम।।।
कम है या गम है
सच में जीवन की छोटी सी गाड़ी में यात्रा करना अपने हाथ में है। इस यात्रा में हम सफर कैसे करते है ये मायने रखता है। खुश रहकर याँ हमेशा शिकायत करके। खुश रहकर यात्रा का आनन्द ही कुछ और है दूसरी तरफ हमेशा शिकायत करके जीने में जीवन-यात्रा का मज़ा ही जाता रहता है। फैसला सचमुच आपके हाथ में है। आप चाहें, तो पूरी उम्र गम के साथ गुजार सकते हैं। उन बातों का रोना रो सकते हैं, जिन्हें लाख हाथ-पांव मारने के बाद भी हासिल नहीं कर पाए। उम्र भर जो शिकायतें अपने पिटारे में बंद की हैं, उन्हें एक-एक करके बाहर निकालकर और फिर किसी और मौके के लिए दोबारा पिटारे में रख सकते हैं। नाकामियों और उनसे उपजी हताशाओं की एक लिस्ट बना सकते हैं और हर किसी के सामने उनका दुखड़ा रो सकते हैं। या यह कर सकते हैं कि आपको जो कुछ, जितना मिला है, ज्यादा मिला है या कम मिला है- उतने में ही संतुष्ट और खुश रह सकते हैं। मान लें कि जीवन में दो ही बातें संभव हैं। पहली, हमारे पास चीजें, सुविधाएं और सफलताएं कम होने के बावजूद प्रसन्न मन से जीवन जीया जाए। या फिर, सुख-सुविधाएं भरपूर होने के बाद भी जो नहीं मिला है, उसका अफसोस मनाया जाए। कहा ना, फैसला आपको करना है। दो ही विकल्प हैं : कम चीजें व सुविधाएं या फिर सुविधाओं के साथ ढेरों गम। चुनाव इन्हीं में से करना है।
ॐ सांई राम।।।