ॐ सांई राम~~~
मेरे सांई सर्वाधार , मेरे जीवन के तुम सार,
दो अक्षर का नाम तुम्हारा ,सब से सुन्दर सब से प्यार,
कहने को तो दो अक्षर है "सांई "
पर सारी स्रष्टी का सार समाया है ,
हर पल जो भी हो रहा
सभी श्री सांई की माया है!
सुख दुख दोनों इनके बस में,
इनका अन्त कही नहीं पाया है!
मुझे भी अपनाओं सांई जी ,
मुझे भी दासी बनाओं सांई जी ,
इक बार इक झलक दिखाओं सांई जी ,
दासी को पार लगाओं सांई जी!!!
जय सांई राम ~~~~~