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Author Topic: नारी दिवस के शुभ अवसर पर सभी माँ बहनों को मेरा सलाम  (Read 4277 times)

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Offline Ramesh Ramnani

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जय सांई राम़।।।

मेरी सभी माँ समान बहनों के लिये...."अपने स्त्री होने को सेलिब्रेट कीजिए" थोड़ा हटकर है यह विषय

स्त्री होने का अर्थ सिर्फ सुंदर आँखें, काले बाल और छरहरा बदन नहीं होता। स्त्री होने का मतलब गर्भ के दौरान बेडौल होना और शिशु को पालने के लिए अपना वह छरहरापन छोड़ना भी होता है। स्त्री की उपलब्धि का मतलब सिर्फ एमए-बीए पास करना या मर्दों की तरह नौकरी करना ही नहीं होता, स्त्री होने का अर्थ माँ, बहन और पत्नी होना और चूल्हा-चक्की संभालना भी होता है। स्त्री की जरूरत का मतलब सिर्फ सुंदर कपड़ों से सजना और गहनों से लदना नहीं होता, इसका मतलब अपनी कुछ अलग पुरुषों से भिन्न जरूरतों और इच्छाओं का होना भी होता है। अपने स्त्री होने को सेलिब्रेट कीजिए। स्त्री होने के हर पक्ष को सेलिब्रेट कीजिए, चाहे आप बेडौल दीख रही हों या शिथिलता महसूस कर रही हों या सिर्फ एक गृहिणी हों।

ज्यादातर महिलाएं अपनी ही सोच को इस तरह ढाल लेती हैं, जिसमें वे स्त्रीत्व के अनेक पहलुओं के लिए खुद को हीन या कमतर मान लेती हैं। वे अपनी ही गलतियों और कमियों को ढूंढती हैं, मानो स्त्री का सम्मान सिर्फ सुंदर या मेधावी होने के लिए ही होना चाहिए। इसलिए स्त्री जीवन का अच्छा और आनंददायी पहलू उनसे अनदेखा रह जाता है।

हमारे देश में ज्यादातर महिलाएं परम्पराओं और मान्यताओं से बंधी हैं। वे पुरुषों को अपने आप से शक्तिशाली व महान समझने की सोच रखती हैं। यह उनमें आत्मविश्वास की कमी का प्रमुख कारण है। जरूरत इस बात की है कि महिलाएं इस पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर स्वयं को यह विश्वास दिलाएं कि प्रकृति ने उन्हें कुछ अलग तरह की शारीरिक और मानसिक क्षमताएँ दी हैं, जो पुरुषों की क्षमता से किसी भी तरह से कम नहीं हैं।

आत्मविश्वास का अर्थ है- खुद पर भरोसा। स्वतंत्रता के बाद देश की प्रगति में एक विशेष वर्ग की महिलाओं ने अपने आत्मविश्वास के बल पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। किन्तु महिलाओं का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है, जिनमें शिक्षित होते हुए भी आत्मविश्वास की बेहद कमी दिखती है, जिसके कारण वे अपने गुणों का पूरा उपयोग करने में, जीवन की सारी खुशियाँ बटोर पाने में असफल रह जाती हैं।

आपने अक्सर ही गृहिणियों को यह कहते सुना होगा कि हम तो कुछ नहीं हैं, केवल चूल्हा चौका बर्तन कपड़ा- यही हमारा काम है। वे अक्सर अपने आप को कामकाजी महिलाओं की अपेक्षा हीन और छोटा आंकती हैं। माना कि कामकाजी महिलाएं अपने परिवार को आर्थिक रूप से मदद नहीं कर पातीं, लेकिन इसका उनके स्त्री होने से कोई संबंध नहीं है। उनके बदले वह आर्थिक कमाई कोई भी दूसरा पुरुष या स्त्री सदस्य परिवार के लिए कर सकता है, लेकिन एक स्त्री की भूमिका में वह परिवार को जो देती है, वह कोई भी दूसरा सदस्य नहीं दे सकता।

दफ्तर में यदि कोई स्त्री नौकरी करती है, तो दफ्तर उस पर कोई एहसान नहीं कर रहा। यह स्त्री का इस समाज पर एहसान है कि वह परिवार को संभालने का काम करने के बाद दफ्तर के लिए भी योगदान दे रही है। उस दफ्तर में वह अपने लिए अलग वॉश रूम की माँग करने में, अपने छोटे शिशु के लिए समय से पहले दफ्तर छोड़ने की इजाजत माँगने में उसे झिझक होती है, यही स्त्रीत्व को छोटा कर के देखना है। वह अपनी ही भूमिका या जरूरत को लज्जा की वस्तु बना देती है। इस अधिकार और सुविधा की माँग स्त्रीत्व का उत्सव है। यदि कोई पुरुषवादी अधिकारी बच्चे की देखभाल के लिए आपको समय से पहले जाने से रोकता है तो जरूरी है कि उसे यह बताएं कि आपका बच्चा छोटा होता तो आपकी पत्नी उस समय क्या कर रही होती। यह भी स्त्रीत्व का सेलिब्रेशन है और उस अधिकारी की मर्दवादी सोच को बदलने के लिए किया जाने वाला संघर्ष भी। इस तरह हर महिला को सबसे पहले तो अपने महिला होने का गर्व होना चाहिए। परिवार की देखभाल करने वाली गृहिणियों को भी कभी कामकाजी महिलाओं की तुलना में खुद को कमतर नहीं आंकना चाहिए। आप जो भी हैं,  उसका सेलिब्रेशन ही इस जीवन का आनंद और पूर्ण भोग है।
   

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।
« Last Edit: March 07, 2007, 08:25:51 PM by Ramesh Ramnani »
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline JR

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जय सांई राम रमेश भाई जी,
पहले तो धन्यवाद क्योंकि आपने आज की नारी के लिये जो संदेश दिया है वह वास्तव में एक प्रंशनीय संदेश है क्योंकि शुरुआत से ही हर स्त्री को यही बोला जाता है कि वो तो सिर्फ ये काम करने के लिये है या वो काम करने के लिये ।  यदि कोई स्त्री अपनी प्रतिभाओं को दिखाने की कोशिश भी करती तो उसे दबा कर चुप करके बैठने को ही बोल दिया जाता था पर आज आपने जो कुछ भी संदेश हमारी नारी जाति के लिये दिया है वो बहुत ही अच्छा है ।  आज के समय में आपके जैसे इनसान की बहुत आवश्यकता है जो कि स्त्री को हर तरह से जागरुक करे और उसमें आत्मविश्वास पैदा करें ।

मुझे पूरा विश्वास है कि आपका ये संदेश हमारे परिवार की सारी बहिनें पढ़कर उनके अन्दर एक नयी किरण पैदा जरुर होगी और वह सब बहुत ही खुश होंगी कि उनके भाई उनके लिये इतना सोचते है । 

Happy Women's Day To All My Sisters..................May Baba bless U.
Jai Sai Ram.

सबका मालिक एक - Sabka Malik Ek

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Offline Ramesh Ramnani

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    • Sai Baba
जय सांई राम।।।

बाबा सांई कहते थे ना कि मैं तुम सबसे तुम्हारी माँ के कारण ही तुमसे जुड़ा हूँ।  चूंकि मेरे बाबा माँ का बहुत सम्मान करते थे और जो इन्सान अपनी माँ-बहनों का सम्मान करते है बाबा उनकी भक्ति फलित करते है।

My Dear Brothers and Sister Today, March 8th is the special day for every woman in the world for it is recognized as the International Women's Day. May I wish you all a Happy Women's Day!

A Woman is...
 
A woman is the calm of a hurricane's eye
where a man finds transquility
as the storm passes by
 
A woman is the softness inside the shell
when the shell is bonbarded
by man's creation of hell
 
A woman is the pillar of a temple foundation
where a man comes and goes
with renewed inspirations

A woman is the cloud that carries the rain
giving life to man's soul
parched from anxieties and pain
 
A woman is the bank of the river flows
helping man's direction
by being the woman she knows
 
A woman is the sound of a Lark's song in the morning
when mist covers life
and man feels forlorn
 
A woman is the emotions
shared with a man
the climax of giving
by the touch of a hand
 
A woman is the flesh that holds the seed
the miracle of birth
fullfilling human need
 
A woman is the mother of a new generation
a man is the direction
of that aspiration

अपना सांई सबका सांई - माँ समान है मेरा सांई

With
Best Wishes
Ramesh Bhai

ॐ सांई राम।।।
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline tana

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  • ~सांई~~ੴ~~सांई~
    • Sai Baba
om sai ram....

thanx a lotsss ramesh ji....

HAPPY WOMEN'S DAY TO ALL MY  SISTERS...

HAPPY WOMEN'S DAY...
ENJOY YOUR WOMANHOOD...
ROCK THE WORLD.......



JAI SAI RAM...
"लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

" Loka Samasta Sukino Bhavantu
Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

Offline Kavitaparna

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    • Sai Baba
OM SRI SAI RAM

Ramesh Bhai, Thank You very much

The speciality of this Woma's Day is that,  it has come on Baba's day and this appears quite auspicious to me this year for all the women.

A Healthy and Happy WOMAN means Healthy and Happy family.Baba bless all of us !
OM SAI NAMO NAMAHA SRI SAI NAMO NAMAHA
JAI JAI SAI NAMO NAMAHA SADGURU SAI NAMO NAMAHA



kavita

Offline saibetino1

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Om Sai ram ,

Thanx Ramjeshji ,

Happy Woman day to all my sisters.


Nari tau hi jag ki rachaiyata hai
Tu hi sahkti
Tu hi bhakti
jise khud ishwar ne racha aur kha
ki tu hi meri parchaiye hai.


Tu hi Sarjan hai ,
Tu hi Sarjankarta hai
Tu nahin tau har ghar
Adhoora hai .

Mat Samjh Khud ko kamjoor
Tune hi tau is dharti ko hi nahin
is ambar ko bhi lalkara hai .

Kabhi janamkarta hai
Tau kabhi rakshak ,
kya kya roop kaho tere
paap ka Vinash kiya
phir Durga roop tumhara hai.

Mamta ki chav hai
tau  kabhi pyaar ki angaar
mat puchoo , Dil ne tumhe kabhi
bahan khake pukara hai.

Kya Kya  khao mein nari
shabdo se jaayda , karma tumhara hai,
Bas sabne yehi kha ,Tune hi tau
Is jaag ka Swaroop Sawara hai.


Om Sai Ram ...neelam

Offline OmSaiRamNowOn

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  • Trust in Me and your prayer shall be answered.
    • Sai Baba
Jai Sai Ram. Ramesh Bhai ji, once again you have conveyed a wonderful message and reminded us all celebration of being a women. Bahut Bahut Dhanyavaad.

And may I add section of priceless teaching from one of the Saints...

A Vedic declaration says: "Where women are worshipped, there indeed, the gods dance with joy". And where woman loses this right of worship by her own immodesty, there prosperity cannot be.

Where God is worshipped every day, there the whole house becomes blessed with the highest prosperity. All joy, all blessedness, all prosperity comes to that house where God is worshipped regularly. Say thanks when you get up in the morning, for your health, for your body, for a clean mind, for energy in the body to live a life of usefulness to yourself and to all, and in the evening thank God again for the bounty of a good day, for clear weather, fresh air, good health and energy, opportunity to serve and be useful to yourself and to others. If every day there is thanksgiving and you always worship God in your home, there is bound to be prosperity. Where there is worship, in that place, there is the tangible presence of God, and where there is this tangible presence of the Deity, what to say of prosperity ? Everything that is good, everything that is blessed, will pervade that house, will fill that house.

Where God is, all auspiciousness, all blessedness, all prosperity is there as a matter of course - just as luminosity is there, radiance is there, where there is light. So, if you wish to fill yourself with prosperity, be worshipful. Do not make the temple alone the place of prayer and worship. Let every house be a centre of prayer. Let every house be the abode of God. And, let women be the repository of such virtues as modesty, chastity, purity and graciousness, and let the children of the family and the male members give due respect to the ladies and treat them with kindness, treat them with courtesy, treat them with dignity that is due to them, and let the children revere their elders. If these things are followed, if these things are fulfilled, prosperity will become an axiomatic condition. There can be no want, there can be no difficulty, there can be no lack in such a house.

This is the ultimate wisdom of the ancients. They say: "Prosperity is created by the behaviour of the human being". Outside factors are secondary factors only. They are not the main factors.

May SAI bless all mothers, sisters, women today for working on such virtues which bring prosperity and happiness.
Om Sai Ram !

-Anju

"Abandon all varieties of religion and just surrender unto Me. I shall deliver you from all sinful reactions. Do not fear."

Offline Ramesh Ramnani

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    • Sai Baba
जय सांई राम।।।

महिला दिवस के अवसर पर अपनी बहनों के जीवन को खुशनुमा रखने के कुछ प्रमुख आसान तरीके  

1. जहां तक संभव हो जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। ग्लास आधा खाली है को इस नजर से देखें-ग्लास आधा भरा है।
2. जो बातें जीवन में तनाव पैदा करती हैं उनके लिए सीधे ना कहना सीखें।
3. शांत बैठकर गहरी व लंबी सांसें लेना भी तनाव दूर करने में मदद करता है।
4. जो चीजें आपके नियंत्रण में नहीं हैं, उनके बारे में चिंता करना व्यर्थ है-इस सोच को अपनाएं।
5.मेडिटेशन या ध्यान को अपनी नियमित जीवन शैली का हिस्सा बनाएं। शरीर पर यह सकारात्मक प्रभाव डालता है।
6.योगाभ्यास भी अपनी जीवन शैली में लाएं। यह तनावमुक्ति में सहायक तो होता ही है, आपका एनर्जी लेवल भी बढ़ाता है।
7.अपने को अलग करना सीखें। जब भी कभी खराब विचार आपको परेशान करें आप वहां से ध्यान हटाकर किसी अच्छी बात में लगाएं।
8.अपनी रुचियों पर ध्यान दें व उनके लिए समय निकालें। अपने मन के काम करने से तनाव आसानी से भुलाया जा सकता है।
9.यदि बाबा साईश्वर में भरोसा है तो उसे हमेशा याद करें। हमेशा सहायता ही नहीं मांगें। उनसे बात करने की कोशिश करें।
10. छोटी चीजों पर ध्यान देने के बजाय महत्वपूर्ण व बड़े लक्ष्यों पर फोकस करें।
11.अपने काम को ठीक से मैनेज करें। जो जरूरी है व हाथ में है पहले उसे ही पूरा करें, सब कामों को एकसाथ हाथ में न ले लें।
12.अपने जीवन की संतुलित लाइफ स्टाइल को निर्धारित करें, जिसमें हर पहलू को पर्याप्त समय दिया गया हो, चाहे वह पढ़ाई हो या परिवार या फिर रिश्ते और सामाजिक सरोकार।
13.अपने समय का सही प्रबंधन करें। उन कामों की लिस्ट बनाएं जो अनिवार्य हैं और बिना रुके काम शुरू करें।
14.यदि आपमें ऊर्जा की कमी है तो हमेशा आप थके हुए व तनावग्रस्त रहेंगे। ज्यादा एनर्जी के लिए ऊर्जायुक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
15.नियमित हेल्दी व संतुलित डाइट लें। ताजे फल, साबुत अनाज, सब्जियां, दूध-दही, कम वसा, कम चीनी व कम नमक वाला खाना खाएं। इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा व एनर्जी लेवल बढ़ेगा। भोजन आयरनयुक्त हो, इस पर भी ध्यान दें। यदि शरीर में आयरन की कमी होती है तो आप डिप्रेस्ड रहते हैं व इससे भी तनाव बढ़ता है।
16.खूब पानी पिएं,  इससे डीहाइड्रेशन तो दूर होता ही है,  ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है। पाचन-क्रिया बेहतर काम करती है। इन सब से तनाव दूर करने में मदद मिलती है।
17. हर्बल चाय पिएं। बहुत से ह‌र्ब्स आपके नर्वस सिस्टम के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ हार्ट बीट को नियंत्रित व रक्तसंचार को नियमित करते हैं।
18.घर पर ऑफिस का काम तब तक न करें, जब तक कि बहुत जरूरी न हो। घर व बाहर के बीच का फर्क करना व समझना जानें।
19.अपने फाइनेंस यानी वित्त पर नियंत्रण रखें। वित्त संबंधी जितनी चिंताएं होती हैं वे तनाव को बढ़ाने में मुख्य भूमिका अदा करती हैं। बजट बनाएं व अमल करें। यदि फिर भी नियंत्रण न हो तो किसी एक्सपर्ट की मदद लें।
20.जीवन में अपनी जिम्मेदारियों को समझें। ऐसा करने से आप किसी भी काम के लिए दूसरे को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।
21.शांति से, दूरदृष्टि से सोचें, विशेषकर तनाव व भावनात्मक परेशानियों के दौर में।
22.उन बातों को लिखें, जो आपको परेशान कर रही हैं। एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि यदि आप ऐसा करते हैं तो बहुत हद तक अपने तनाव को कम कर लेते हैं।
23.अपनी सीमा में रहें, इससे आप अपने जीवन को तनावमुक्त रख पाएंगे। हर चीज पाने की होड़, व्यर्थ के कमिटमेंट में अपने को मत उलझाएं।
24.पर्याप्त आराम करें। मानसिक व शारीरिक तनाव के क्षणों में यह आराम बेहद फायदेमंद होता है।
25.सहयोगी और सकारात्मक रुचि वाले लोगों को ही अपना मित्र बनाएं।
26.जोर से हंसना सीखें, हंसना उस चाबी की तरह है जो तनाव दूर करने में व काम के बोझ को दूर करने में मदद करता है। रिसर्च बताता है कि खुश रहने में मदद मिलती है व दिल की धड़कन नियंत्रित रहती है।
27.वॉक पर जाना भी अपनी आदत बनाएं। यह न केवल तनाव दूर करने में मददगार होगा, बल्कि किसी भी एक्सरसाइज से ज्यादा फायदेमंद होगा।
28.किसी मंत्र या सकारात्मक विशेष वाक्य का दिन में या रात में सोते समय उच्चारण करें। यह प्राकृतिक तरीका है तनाव को दूर करने का।
29.मधुर संगीत सुनें। संगीत के मीठे स्वर आपके मूड को परिवर्तित करते हैं व तनाव दूर करते हैं।
30.अपनी असफलताओं से निराश व तनावग्रस्त मत हों, बल्कि उनसे सीख लें।
31.समय निकाल कर अवकाश लें। रो़जमर्रा की उबाऊ दिनचर्या से छुट्टी लेकर रि़फ्रेश होना जरूरी होता है।
32.परिवार व मित्रों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं।
33.अपनी रुचि की किताब पढ़ना भी तनाव से दूर रहने का सबसे सरल उपाय है।
34.शांति से रहने की कोशिश करें। वाद-विवाद से अपने को दूर रखें।
35.अपनी भावनाओं को बोतल में बंद करके मत रखें। भावनाओं को दबाने से कुंठा पैदा होती है, जो तनाव उत्पन्न करती है।
36.सहनशील बनें, सहनशीलता तनाव व डिप्रेशन से दूर रखने में मदद करती है।
37.अपने लक्ष्य निर्धारित करके चलने से आपको व्यर्थ का तनाव नहीं झेलना पड़ेगा।
38.जीवन के हर पल को एंजॉयकरें। जो जीने को बोझ समझ कर जीते हैं उन्हें टेंशनसे कोई नहीं बचा सकता।
39.निर्णय जल्दी लें जिससे बार-बार सोचकर तनाव न उत्पन्न हो।
40.वर्तमान में जीने की कोशिश करें। न ही भूतकाल की सोच से दुखी हों, न ही भविष्य की चिंता में समय बरबाद करें।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

 


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