Join Sai Baba Announcement List


DOWNLOAD SAMARPAN - Nov 2018





Author Topic: प्रेम और भक्ति में हिसाब!  (Read 1800 times)

0 Members and 1 Guest are viewing this topic.

Offline sairamji

  • Member
  • Posts: 6
  • Blessings 0
sai ram ji ,


प्रेम और भक्ति में हिसाब!

एक पहुंचे हुए सन्यासी का एक शिष्य था, जब भी किसी मंत्र का जाप करने बैठता तो संख्या को खडिया से दीवार पर लिखता जाता। किसी दिन वह लाख तक की संख्या छू लेता किसी दिन हजारों में सीमित हो जाता। उसके गुरु उसका यह कर्म नित्य देखते और मुस्कुरा देते।

एक दिन वे उसे पास के शहर में भिक्षा मांगने ले गये। जब वे थक गये तो लौटते में एक बरगद की छांह बैठे, उसके सामने एक युवा दूधवाली दूध बेच रही थी, जो आता उसे बर्तन में नाप कर देती और गिनकर पैसे रखवाती। वे दोनों ध्यान से उसे देख रहे थे। तभी एक आकर्षक युवक आया और दूधवाली के सामने अपना बर्तन फैला दिया, दूधवाली मुस्कुराई और बिना मापे बहुत सारा दूध उस युवक के बर्तन में डाल दिया, पैसे भी नहीं लिये। गुरु मुस्कुरा दिये, शिष्य हतप्रभ!

उन दोनों के जाने के बाद, वे दोनों भी उठे और अपनी राह चल पडे। चलते चलते शिष्य ने दूधवाली के व्यवहार पर अपनी जिज्ञासा प्रकट की तो गुरु ने उत्तर दिया,

'' प्रेम वत्स, प्रेम! यह प्रेम है, और प्रेम में हिसाब कैसा? उसी प्रकार भक्ति भी प्रेम है, जिससे आप अनन्य प्रेम करते हो, उसके स्मरण में या उसकी पूजा में हिसाब किताब कैसा?'' और गुरु वैसे ही मुस्कुराये व्यंग्य से।

'' समझ गया गुरुवर। मैं समझ गया प्रेम और भक्ति के इस दर्शन को।
==============================================
DIMPLE ARORA





 


Facebook Comments