ॐ श्री साईं नाथाय नमः
जिसने चित्त की चंचलता को कम नहीं किया उसका संकल्प मजबूत नहीं रह सकता। दृढ़ वही रह सकता है जिसमें भय नहीं है, जिसमें क्षोभ नहीं है, चित्त की चंचलता नहीं है, जो कष्टों से घबराता नहीं है। शक्ति जागरण का एक मार्ग है शुभ भाव में रहना। केवल जागरूकता के साथ संकल्प करें कि मेरा मन शुद्ध हो रहा है, भाव शुद्ध हो रहा है, परिणाम शुद्ध हो रहा है। शक्ति का जागरण स्वत: हो जाएगा। हमें जागरूक रहना है कि मन में बुरे विचार न आएं, बुरी कल्पना न आए, बुरे भाव न आएं। यह जागरूकता बढ़ जाए तो शक्ति अपने आप जाग उठती है।
ॐ साईं राम