बाबा मुझे भी इंसान बना दो
बाबा मुझे इंसान बना दो
तेरे दर पर खड़ा हूँ
थक गया हूँ जीवन से
सर से सारा भार उतार दो ( बाबा ............इंसान बना दो )
झूठ , फरेब ,क्रोध , मोह के
चक्रवीऊ में फसा हुआ हूँ
माया के जाल से
मुझे आज मुक्त करा दो ( बाबा .......................इंसान बना दो )
जीवन की तीखी धूप ने
मेरी भावनाओं को झुलस दिया है
इस तपती धूप पर
अपनी ठड़ी छाव बिछादो ( बाबा ....................इंसान बना दो )
करूणा , शमा का वास
जीवन से मिट गया है
इस कठोर दिल को
दया का पाठ पड़ा दो ( बाबा ............................इंसान बना दो )
धन दौलत की आस ने
बिखेर दिया है मुझे
इस टूटे हुए आईने को
समेट लो अपने हाथो में ( बाबा .............................इंसान बनना दो )
आज तेरे दर पर आया हो
खाली ना जाऊ गा
तेरे विश्वास को अपनी
आत्मा में बसाऊ गा
तुझे अपना बनाऊ गा
जीवन की हर ठोकर खायी है मैंने
अब ना अपनी गलती दोराहुगा
थाम लुगा तेरा आचल
और इंसान बनके जाऊगा ( २)
जय साईंराम .......