Om Sai Raam
इसको चमत्कार न कहूँ तो क्या कहूँ | पिछले कई दिनों से किन्ही न किन्ही कारणों से द्वारकामाई पर हाजिरी नहीं लगा पा रहा था | नियम था, कि रोज़ सोने से पहले कम से कम अखंड साईं नाम जप में एक entry ज़रूर डालता था, परन्तु कुछ समय से वह भी रुका हुआ था | साईं नाथ की दया से group परायण ठीक चल रहा था, हर हफ्ते अपनी बारी के अध्याय का पाठ हो जाता था | लेकिन मन में कष्ट भी महसूस होता था द्वारिकमाई नहीं पहुँच पा रहा हूँ | यह द्वारिकमाई एक ऐसी छत है, जिसने मेरी सब आपत्तियो विपत्तियो के समय रक्षा की, मै कभी भी द्वारिकमाई से दूर नहीं होना चाहता | मूर्ख हूँ, पल पल पर गलतिया करता हूँ,
पर मेरे मालिक की दया देखिये, हर बार रास्ते पर ले ही आते है | आज सुबह सो कर ही उठा, रोज़ की भाँती घर के मंदिर में जा कर साईंनाथ को प्रणाम किया और जैसे वह मेरे मन में बोले, "रात को नहीं कर हाजिरी लगा पाता है तो अभी लगाया कर" | विचित्र है, यह विचार कभी मन में आया ही नहीं था | आज कई दिनों बाद यहाँ पर आया, अखंड साईं नाम जप में entry डाली, मन को बहुत अच्छा लगा | वही पर अद्वैत जी का पोस्ट भी देखा (Attention group parayan members), समझ आ गया की क्यों नाथ ने आज मुझ पर कृपा कर मेरे मन में इस विचार को डाला कि सुबह के समय ही login किया जाये | सुबह है अभी, लिख कर हल्का महसूस कर रहा हूँ, जानता हूँ आज सारा दिन बहुत अच्छा जाएगा | बस मालिक से यह प्रार्थना है कि मेरा यह नियम बना रहे |