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Author Topic: Vasant Panchami / Shree Panchami / Saraswati Puja~~~  (Read 3647 times)

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Offline tana

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Vasant Panchami / Shree Panchami / Saraswati Puja~~~
« on: February 04, 2008, 01:33:53 AM »
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  • Om Sai Ram~~~

    Vasant Panchami / Shree Panchami / Saraswati Puja~~~

    Hinduism is a way of life rather than a religion, demure to the special significance of seasons in our lives through religious festivals. Vasant Panchami is one of them.

    Vasant Panchami is referred to as the spring festival, and signifies the beginning of Vasant Ritu (spring season). Magh Sud 5 (5th day of the bright fortnight of the lunar month of Magh) is the day of Vasant Panchami. It is also called as Shree Panchami and Saraswati Puja is also celebrated on the same day. 

    On this day Goddess Saraswati is worshipped as the Goddess of Learning, the deity of Gayatri, the fountain of fine arts and science, and the symbol of supreme vedantic knowledge. Religious paintings depict each of these goddess alighted on a vehicle that symbolizes their special power. The white swan of Saraswati symbolizing Satwa Guna (purity and discrimination), the lotus of Lakshmi the Rajas Guna and the tiger of Durga the Tamas Guna. Saraswati is shown possessing four hands and plays "Veena", an Indian string musical instrument. Vasant Panchami is also known as Saraswati Day and commemorates the birth of goddess Saraswati. Hindu temples throng with people and are abuzz with prayers and rituals.

    Jai Sai Ram~~~
    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
    May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

    Offline tana

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    Re: Vasant Panchami / Shree Panchami / Saraswati Puja~~~
    « Reply #1 on: February 04, 2008, 01:39:55 AM »
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  • Om Sai Ram~~~

    More About Vasant Panchami~~~


    Basant Panchami has a specific meaning, Basant means Spring, whereas Panchami means the fifth day of the spring. It falls on Panchami - on the Waxing Moon. The festival lies in the month of January-February.

    The young girls dressed in the diverse shades of yellow magnify the splendor of nature. Kite flying, a popular sport in India, is associated with the Basant Panchami day. It is a day for young crowd - no routine work, no studies, only merry making.

    The festival is celebrated with full vivacity and festivity to mark the end of the winters. It is one of the first festivals of the Year and is celebrated all over India. The yellow color has great significance, people wear yellow clothes, offer yellow flowers in worship and put a yellow, turmeric tilak on their forehead.


    Jai Sai Ram~~~

    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
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    Offline tana

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    Re: Vasant Panchami / Shree Panchami / Saraswati Puja~~~
    « Reply #2 on: February 10, 2008, 09:11:03 PM »
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  • ॐ साईं राम~~~

    बंसन्त पंचमी की शुभ-कामनाएँ~~~  :-* :-*

    जय साईं राम~~~
    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
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    Offline Ramesh Ramnani

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    Re: Vasant Panchami / Shree Panchami / Saraswati Puja~~~
    « Reply #3 on: February 10, 2008, 10:46:12 PM »
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  • ॐ साईं राम~~~

    बंसन्त पंचमी की शुभ-कामनाएँ~~~  :-* :-*

    जय साईं राम~~~


    जय सांई राम।।।

    फ़िर आया वसंत
    फ़िर से लिखा गया एक लफ्ज़ प्यार का
    और रख दिया इसको बंद करके
    दिल के किसी कोने में
    जब आहट होगी फ़िर से किसी धड़कन की .
    इस कोने से निकल से यह लफ्ज़
    कुछ पल तो जीया जायेगा
    ज़िंदगी का सफर है चंद लम्हों का
    यह कुछ तो हसीन हो जायेगा !!

    जी हाँ आ गया आज फ़िर से वसंत, वसंत प्यार का उत्सव, प्रकति का उत्सव, यह बात और है कि आज इस साल अभी तक ठंड पूरे जोरों पर है..  पर शायद वसंत है आज, यह सोचना दिल में एक अजब सी उमंग भर देता है, भर देता है यह जीवन में जोश उमंग और आशा..  पूरे वातावरण में जाग उठती है एक नई प्रेरणा...  पर हमारी आज की युवा पीढ़ी वसंत से ज्यादा वेलेंटाइन दिवस को ज्यादा पहचानती है..  यदि हम पीछे गुजरे अपने अतीत को देखे तो वसंत लाखों सालों से हमे प्रेम की प्रेरणा दे रहा है जबकि वेलेंटाइन का इतिहास कुछ साल ही पुराना है। हमारा वसंत जहाँ हमे एक नव जीवन से भर देता है वहाँ वेलेंटाइन की कहानी कुछ अजीब सी है.... इसकी कहानी जो पढने में आती है कि रोम का राजा क्लाउडिस बहुत कठोर दिल का राजा था अपनी सेना में अनुशासन बना रहे इस के लिए आदेश दिया कि कोई भी सेनिक विवाह नही करेगा..  सेंट वेलेंटाइन ने चुपचाप शादी करवानी शुरू कर दी।  इस पर राजा ने उनको जेल में बंद कर दिया ...और एक दिन सेंट वेलेंटाइन ने जेल के अकेलेपन से उब कर जेलर की बेटी को एक ग्रीटिंग कार्ड दे कर अपने प्रेम का इज़हार किया।  तब से इसको मनाने की परम्परा चल पड़ी। पर आज का प्यार उस गहराई को नही छू पाता,  आज प्यार का मतलब सिर्फ़ स्वार्थ रह गया है। .इस में अब वो गहरी भावना नही दिखती है। और वैसे भी प्यार के लिए सिर्फ़ एक ख़ास दिन की जरुरत नही है।  और न ही किसी पैमाने की।  यह कहाँ कब कैसे हो जाए कौन जानता है?   हर किसी की पसंद अपनी और अपने विचार हैं इस बारे में। प्यार में सागर सी गहराई है तो नदी से बहने का प्रवाह भी। जीवन की सारी कठोरताओं,  मुसीबतों को झेल कर भी यदि प्रेम बना रहे तो वही प्रेम है।  प्रेम का काम है जोड़ना,  तोड़ना नही।  और यह इसी रूप में सुंदर लगता है।  वसंत का आगमन प्रतीक है नए उमंगो के खिलने का।  और यह उमंग सकरात्मक रूप से रहे वही अच्छा लगता है ..प्रेम के इस पावन पर्व वसंत का स्वागत इन पंक्तियों से बेहतर और क्या हो सकता है .

    सारे शब्द
    सारे रंग
    मिल कर भी
    प्यार की तस्वीर
    नहीं बना पाते
    हाँ प्यार की तस्वीर
    देखी जा सकती है
    पल पल मोहब्बत जी रही
    ज़िंदगी के आईने में!!
     
    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline tana

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    Re: Vasant Panchami / Shree Panchami / Saraswati Puja~~~
    « Reply #4 on: February 10, 2008, 11:31:00 PM »
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  • ॐ साईं राम~~~

    बासंती बसंत की~~~ 
     सुनील अग्रवाल
     

    बासंती बसंत की, अभितरेक असीम अभिराम।

    कोकल पपीहा कर रहे, चारों ओर बखान॥

    मदमस्त हर पुष्प है, ज्यों हो रस का खान।

    सांवल भंवरा फैलाय रहे, चारोँ और गुंजान॥

    तन सन्दल, मन सन्दल, और दुह्लन सा श्रंगार।

    मनमोहक से रूप पर, गए हृदय को हार॥

    कण-कण में विद्यमान है, नशा प्रेम उल्लास।

    विरहनी भी द्वार खड़ी, ले पिया मिलन की आस॥

    गज गमन, मदमस्त यौवन, अठलाया सा परिवेश।

    अपलक सब निहार रहे, बसंत राज विशेष॥

    कहीं रक्तिम कहीं पीतम, और हरितम को वेश।

    आरती उतार रहे, ब्रह्मा, विष्णु, महेश॥ 

    जय साईं राम~~~
     
    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
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    Offline tana

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    Re: Vasant Panchami / Shree Panchami / Saraswati Puja~~~
    « Reply #5 on: February 10, 2008, 11:34:12 PM »
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  • ॐ साईं राम~~~


    वसंत पंचमी~~~

    माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी से ऋतुओं के राजा वसंत का आरंभ हो जाता है। यह दिन नवीन ऋतु के आगमन का सूचक है। इसीलिए इसे ऋतुराज वसंत के आगमन का प्रथम दिन माना जाता है। इसी समय से प्रकृति के सौंदर्य में निखार दिखने लगता है। वृक्षों के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उनमें नए-नए गुलाबी रंग के पल्लव मन को मुग्ध करते हैं।

    वसंत पंचमी का पूजन~~~

    1. स्नान आदि करके पीतांबर या पीले वस्त्र पहनें।

    2.माघ शुक्ल पूर्वविद्धा पंचमी को उत्तम वेदी पर वस्त्र बिछाकर अक्षत (चावल) से अष्टदल कमल बनाएँ।

    3. उसके अग्रभाग में गणेशजी स्थापित करें।

    4. पृष्ठभाग में 'वसंत' स्थापित करें । वसंत, जौ व गेहूँ की बाली के पुंज को जल से भरे कलश में डंठल सहित रखकर बनाया जाता है।       

    5. इसके पश्चात्‌ सर्वप्रथम गणेशजी का पूजन करें और फिर पृष्ठभाग में स्थापित वसंत पुंज के द्वारा रति और कामदेव का पूजन करें। इसके लिए पुंज पर अबीर आदि के पुष्पों के माध्यम से छींटे लगाकर वसंत सदृश बनाएँ।

    6. तत्पश्चात्‌

    'शुभा रतिः प्रकर्तव्या वसन्तोज्ज्वलभूषणा ।
    नृत्यमाना शुभा देवी समस्ताभरणैर्युता ॥
    वीणावादनशीला च मदकर्पूरचर्चिता।'

    श्लोक से 'रति' का और
    'कामदेवस्तु कर्तव्यो रूपेणाप्रतिमो भुवि।
    अष्टबाहुः स कर्तव्यः शंखपद्मविभूषणः॥

    चापबाणकरश्चैव मदादञ्चितलोचनः।
    रतिः प्रतिस्तथा शक्तिर्मदशक्ति-स्तथोज्ज्वला॥

    चतस्त्रस्तस्य कर्तव्याः पत्न्यो रूपमनोहराः।
    चत्वाश्च करास्तस्य कार्या भार्यास्तनोपगाः॥

    केतुश्च मकरः कार्यः पंचबाणमुखो महान्‌।'


    से कामदेव का ध्यान करके विविध प्रकार के फल, पुष्प और पत्रादि समर्पण करें तो गृहस्थ जीवन सुखमय होकर प्रत्येक कार्य को करने के लिए उत्साह प्राप्त होता है।

    7. सामान्य हवन करने के बाद केशर या हल्दी मिश्रित हलवे की आहुतियाँ दें।

    8. 'वसंत-पंचमी' के दिन किसान लोग नए अन्न में गुड़ तथा घी मिश्रित करके अग्नि तथा पितृ-तर्पण करें।

    9. वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती के पूजन का भी विधान है। कलश की स्थापना करके गणेश, सूर्य, विष्णु तथा महादेव की पूजा करने के बाद वीणावादिनी माँ सरस्वती का पूजन करना चाहिए।

    10. इस दिन विष्णु-पूजन का भी महात्म्य है। 

    जय साईं राम~~~
     
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