Join Sai Baba Announcement List


DOWNLOAD SAMARPAN - Nov 2018





Author Topic: श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय परायण  (Read 1726 times)

0 Members and 1 Guest are viewing this topic.

Offline Pratap Nr.Mishra

  • Member
  • Posts: 965
  • Blessings 4
  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
ॐ श्री साईं नाथाय नमः

श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय परायण

बाबा की असीम कृपा से मेरा एवंग मेरी पत्नी द्वारा इस जीवन का सर्वोतम कार्य और परम आनंद की अनुभूति.

आजसे पांच साल पहले बाबा की बहुत बड़ी अनुकम्पा मेरे एवंग मेरी पत्नी पर हुई  .उनकी प्रेणना और दया से और सभी साईं प्रेमियों के सहयोग से मैंने बाबा का एक छोटा सा मंदिर का निर्माण करवाया था  आज मंदिर मे बाबा के चारो पहर की आरती एवंग सभी  कार्यक्रम सहज  रीती-रिवाज से मनाये जाते है. 14th April बाबा का स्थापना दिवस बड़े ही  हर्षोउल्लास से मनाया  जाता है .

इस साल 14th April के कुछ दिन पहले मेरी पत्नी के अचानक ये विचार आया की क्यों न इस दिन श्री रामायण पाठ की तरह श्री साईं सत्चरित का भी एक दिवसीय पाठ उसी तरह से रखा जाये. विचार सम्पूर्ण रूप से अनजाना था और ना मेरी पत्नी को ना ही किसी अन्य को इसके बारे में कोई जानकारी थी.पहली बार हमारे यहाँ होने जा हा था इसलिए वो बहुत ही चिंतित और आशंकित थी . श्री साईं सत्चरित का साप्ताहिकी परायण  काफी समय से होता आ रहा है और प्रचलित भी है. क्या एक दिवसीय परायण करना उचित भी होगा या नहीं.?  क्या कोई भूल चुक तो नहीं हो जाएगी ?  ऐसे कई विचारो से मेरी पत्नी बुरी तरह से ससंकित एवंग एक उहपोस की स्थिति में पड़ी हुई  थी .

ये विचार जब बाबा ने ही मन मे प्रेरित किये है तो इसका शुभारम्भ और समापन भी श्री साईनाथ ही करेगे, ऐसा विचार कर पत्नी ने सुबह 8 बजे से स्थापना दिवस के दिन  श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय पाठ  मंदिर मे आरम्भ कर दिया . जैसे श्री  रामायण के  पाठ  करने की जो विधि है उसी के समरूप इस  पाठ की  भी विधि है. बाबा के सम्मुख फल-फूल नैवेद  इत्यादि रखकर मुख्य पठन के स्थान  पर एक भक्त श्री साईं सत्चरित का पाठ करता रहता है और समान्तर अन्य साईं प्रेमी भी श्री साईं सत्चरित पाठ कर सकते है .मुख्य स्थान पर थोड़े -थोड़े अंतराल में  भक्त बदलते जाते है और इस तरह सम्पूर्ण श्री साईं सत्चरित का पाठ सम्पूर्ण हो जाता है

शुरुआत मे मेरी पत्नी पढ़ती रही और साथ मे मंदिर के पंडितजी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा . धीरे-धीरे साईं प्रेमी आते गए. पहले उन्हें बड़ा ही आजीब सा महसूस हुआ पर जब इसको करने का उदेश्य और इसके महत्त्व का आभास हुआ तो फिर ताता सा ही लग गया पाठ पढने का. संध्या  आरती के कुछ समय पूर्व ही  सम्पूर्ण पाठ का समापन हुआ और फल-फूल, नैवेद से बाबा की आरती  हुई .मेरी पत्नी को सदा ऐसा ही आभास  होता रहा की बाबा स्वयम: शुरू से अंत तक वहां पर विराजमान होकर सम्पूर्ण कार्य का समापन करवां रहे है .

उसके बाद से मंदिर मे और साईं प्रेमिओ  ने आपने -अपने घरो मे श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय परायण  करवाना शुरू कर दिया है.  आज हर महीने मंदिर में श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय पाठ बड़े ही भक्तिभाव से किया जाता है. मुझे जिस आत्मिक शांति का आभास आपको केवल उसका विवरण देने से हो रहा है ,कल्पना करिए की उस समय मेरी पत्नी किस आनंद और आत्मिक सुख के सागर में  गोते लगा रही होंगी .

मेरी पत्नी को एक बार फिर बाबा ने इस कार्य के  लिए काबिल समझा इसके लिए हमलोग सदा ही बाबा के ऋणी है और बाबा से यही प्राथना करते है की अपनी अनुकम्पा हमपे सदा बनाये रखें जिससे हम सही कर्तव्यों का निर्वाह कर सकें .

सम्पूर्ण कार्य के कर्ता श्री साईनाथ महाराजजी है ,हम तो केवल एक निमित माध्यम मात्र ही हैं .

बाबा का हम कोटि-कोटि धन्यबाद करते है और प्राथन करते है की सदा ही अपने श्री चरणों मे शरण दें .

अंतत सभी साईं प्रेमियों से विनीत अनुरोध है कि आप भी एक दिवसीय पाठ अपने घर एवंग साईं मंदिर में करें एवंग साईं के विचारों और वचनों को फैलाने का सौभाग्य प्राप्त करें.



श्री साईनाथ महाराज की जय


                                                               "जाहे विधि राखे साईं ,ताई विधि रहिये "
« Last Edit: April 25, 2012, 11:22:10 PM by Pratap Nr.Mishra »

Offline Pratap Nr.Mishra

  • Member
  • Posts: 965
  • Blessings 4
  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू



अहंकार को त्याग के,ह्रदय होय आसीन |
जो आवे मेरी शरण,मै उसके आधीन ||

सभी जीव में रहूँ ,घन चैतन्य स्वरुप |
नाम नहिं आकार नहीं,ना कोई भी रूप ||

ॐ साईंनाथाय नमः
ॐ साईंनाथाय नमः
ॐ साईंनाथाय नमः

Offline Saialwayshere

  • Member
  • Posts: 526
  • Blessings 0
ॐ श्री साईं नाथाय नमः

श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय परायण

बाबा की असीम कृपा से मेरा एवंग मेरी पत्नी द्वारा इस जीवन का सर्वोतम कार्य और परम आनंद की अनुभूति.

आजसे पांच साल पहले बाबा की बहुत बड़ी अनुकम्पा मेरे एवंग मेरी पत्नी पर हुई  .उनकी प्रेणना और दया से और सभी साईं प्रेमियों के सहयोग से मैंने बाबा का एक छोटा सा मंदिर का निर्माण करवाया था  आज मंदिर मे बाबा के चारो पहर की आरती एवंग सभी  कार्यक्रम सहज  रीती-रिवाज से मनाये जाते है. 14th April बाबा का स्थापना दिवस बड़े ही  हर्षोउल्लास से मनाया  जाता है .

इस साल 14th April के कुछ दिन पहले मेरी पत्नी के अचानक ये विचार आया की क्यों न इस दिन श्री रामायण पाठ की तरह श्री साईं सत्चरित का भी एक दिवसीय पाठ उसी तरह से रखा जाये. विचार सम्पूर्ण रूप से अनजाना था और ना मेरी पत्नी को ना ही किसी अन्य को इसके बारे में कोई जानकारी थी.पहली बार हमारे यहाँ होने जा हा था इसलिए वो बहुत ही चिंतित और आशंकित थी . श्री साईं सत्चरित का साप्ताहिकी परायण  काफी समय से होता आ रहा है और प्रचलित भी है. क्या एक दिवसीय परायण करना उचित भी होगा या नहीं.?  क्या कोई भूल चुक तो नहीं हो जाएगी ?  ऐसे कई विचारो से मेरी पत्नी बुरी तरह से ससंकित एवंग एक उहपोस की स्थिति में पड़ी हुई  थी .

ये विचार जब बाबा ने ही मन मे प्रेरित किये है तो इसका शुभारम्भ और समापन भी श्री साईनाथ ही करेगे, ऐसा विचार कर पत्नी ने सुबह 8 बजे से स्थापना दिवस के दिन  श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय पाठ  मंदिर मे आरम्भ कर दिया . जैसे श्री  रामायण के  पाठ  करने की जो विधि है उसी के समरूप इस  पाठ की  भी विधि है. बाबा के सम्मुख फल-फूल नैवेद  इत्यादि रखकर मुख्य पठन के स्थान  पर एक भक्त श्री साईं सत्चरित का पाठ करता रहता है और समान्तर अन्य साईं प्रेमी भी श्री साईं सत्चरित पाठ कर सकते है .मुख्य स्थान पर थोड़े -थोड़े अंतराल में  भक्त बदलते जाते है और इस तरह सम्पूर्ण श्री साईं सत्चरित का पाठ सम्पूर्ण हो जाता है

शुरुआत मे मेरी पत्नी पढ़ती रही और साथ मे मंदिर के पंडितजी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा . धीरे-धीरे साईं प्रेमी आते गए. पहले उन्हें बड़ा ही आजीब सा महसूस हुआ पर जब इसको करने का उदेश्य और इसके महत्त्व का आभास हुआ तो फिर ताता सा ही लग गया पाठ पढने का. संध्या  आरती के कुछ समय पूर्व ही  सम्पूर्ण पाठ का समापन हुआ और फल-फूल, नैवेद से बाबा की आरती  हुई .मेरी पत्नी को सदा ऐसा ही आभास  होता रहा की बाबा स्वयम: शुरू से अंत तक वहां पर विराजमान होकर सम्पूर्ण कार्य का समापन करवां रहे है .

उसके बाद से मंदिर मे और साईं प्रेमिओ  ने आपने -अपने घरो मे श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय परायण  करवाना शुरू कर दिया है.  आज हर महीने मंदिर में श्री साईं सत्चरित का एक दिवसीय पाठ बड़े ही भक्तिभाव से किया जाता है. मुझे जिस आत्मिक शांति का आभास आपको केवल उसका विवरण देने से हो रहा है ,कल्पना करिए की उस समय मेरी पत्नी किस आनंद और आत्मिक सुख के सागर में  गोते लगा रही होंगी .

मेरी पत्नी को एक बार फिर बाबा ने इस कार्य के  लिए काबिल समझा इसके लिए हमलोग सदा ही बाबा के ऋणी है और बाबा से यही प्राथना करते है की अपनी अनुकम्पा हमपे सदा बनाये रखें जिससे हम सही कर्तव्यों का निर्वाह कर सकें .

सम्पूर्ण कार्य के कर्ता श्री साईनाथ महाराजजी है ,हम तो केवल एक निमित माध्यम मात्र ही हैं .

बाबा का हम कोटि-कोटि धन्यबाद करते है और प्राथन करते है की सदा ही अपने श्री चरणों मे शरण दें .

अंतत सभी साईं प्रेमियों से विनीत अनुरोध है कि आप भी एक दिवसीय पाठ अपने घर एवंग साईं मंदिर में करें एवंग साईं के विचारों और वचनों को फैलाने का सौभाग्य प्राप्त करें.



श्री साईनाथ महाराज की जय


                                                                "जाहे विधि राखे साईं ,ताई विधि रहिये "


Om sai ram

Pratap ji aap aur aapki patni adhik bhagyashali hai ki aapko Sai baba ke Mandir nirman ka sobhagya prapt hua ..baba ji ye karya apne kuch khash bhakto ko hi soupte hai , abhi kuch din pahle mere ghar per mere husband ke dost aaye , wo south se the , aur sai ko bahut mante hai , unhone batlaya ki unhe Sai ne swapna main aakar mandir banwane ko kaha , unhone kisi aur kaam se jameen li thi , per ab wo uss per Sai mandir ka nirman karenge .....

Baba ji ki leela baba ji hi jaane kab kisse kya karwaye

aapki wife ke liye Ek divsiya Sai Satcharitra Parayan ki meri taraf se subhkaamnaye

Babaji aap per aur aapke parivar per apni kripa banaye rakhe ..

Om sai ram
Chetna

Offline Pratap Nr.Mishra

  • Member
  • Posts: 965
  • Blessings 4
  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
Om sai ram
Pratap ji aap aur aapki patni adhik bhagyashali hai ki aapko Sai baba ke Mandir nirman ka sobhagya prapt hua ..baba ji ye karya apne kuch khash bhakto ko hi soupte hai , abhi kuch din pahle mere ghar per mere husband ke dost aaye , wo south se the , aur sai ko bahut mante hai , unhone batlaya ki unhe Sai ne swapna main aakar mandir banwane ko kaha , unhone kisi aur kaam se jameen li thi , per ab wo uss per Sai mandir ka nirman karenge .....

Baba ji ki leela baba ji hi jaane kab kisse kya karwaye

aapki wife ke liye Ek divsiya Sai Satcharitra Parayan ki meri taraf se subhkaamnaye

Babaji aap per aur aapke parivar per apni kripa banaye rakhe ..

Om sai ram
Chetna

ॐ श्री साईंनाथाय नमः

साईं राम चेतनजी

बाबा एवंग आपको धन्यवाद. साईं की कृपा एवंग आप सभी साईं प्रेमियों का स्नेह सदा बना रहे जिससे उनकी लीलायों को समाज में फैलाने का शुभ कार्य कर सकूँ .

आपके पति के दोस्त जो साईं कृपा से मंदिर निर्माण कार्य करवाने जा रहें है अगर उनको निर्माण एवंग बाबा की प्रतिमा के सम्बन्ध में कुछ भी जानकारी लेने की आवश्यकता पड़े तो मै आपने को सौभाग्यशाली समझूंगा.

धन्यवाद एवंग बाबा सदा आप एवंग आप के परिवार पर सदा अपनी रहमत की वर्षा करते रहें यही मेरी बाबा से प्राथना है.

ॐ साईं राम

Offline Pratap Nr.Mishra

  • Member
  • Posts: 965
  • Blessings 4
  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
Omsairam

Us Par Pad Nahi Sakti Dukh Ki Parchaai,
Jiski Raksha Khud Karte Hai Shirdi Wale Sai,
Suraj Ke Prakash Se Jaise Ho Jata Hai Savera,
Aaise Hi Sai Kripa Se Mite Gam Ka Har Andhera...,
Saimaa Ki kripa drushti aise hi aap aur aapke pariwar par bani rahe.........Bhabhi ko dher sari shubhkamnaye........

Jai sai ram


ॐ श्री साईंनाथाय नमः

साईं राम सलाका बहन

बाबा एवंग तुमको धन्यवाद. साईं की कृपा एवंग सभी साईं प्रेमियों का स्नेह सदा बना रहे जिससे उनके लीलायों को समाज में फैलाने का शुभ कार्य कर सकूँ .

धन्यवाद एवंग बाबा की कृपा सदा तुम्हारे उपर बनी रहे यही मेरी बाबा से प्राथना है.

साईं सबके  दाता
हमसब एक सांवली
सबकी खाली झोली भरते
हमारे प्यारे बाबा साईं ||

ॐ साईं राम

Offline Saialwayshere

  • Member
  • Posts: 526
  • Blessings 0
Om sai ram
Pratap ji aap aur aapki patni adhik bhagyashali hai ki aapko Sai baba ke Mandir nirman ka sobhagya prapt hua ..baba ji ye karya apne kuch khash bhakto ko hi soupte hai , abhi kuch din pahle mere ghar per mere husband ke dost aaye , wo south se the , aur sai ko bahut mante hai , unhone batlaya ki unhe Sai ne swapna main aakar mandir banwane ko kaha , unhone kisi aur kaam se jameen li thi , per ab wo uss per Sai mandir ka nirman karenge .....

Baba ji ki leela baba ji hi jaane kab kisse kya karwaye

aapki wife ke liye Ek divsiya Sai Satcharitra Parayan ki meri taraf se subhkaamnaye

Babaji aap per aur aapke parivar per apni kripa banaye rakhe ..

Om sai ram
Chetna

ॐ श्री साईंनाथाय नमः

साईं राम चेतनजी

बाबा एवंग आपको धन्यवाद. साईं की कृपा एवंग आप सभी साईं प्रेमियों का स्नेह सदा बना रहे जिससे उनकी लीलायों को समाज में फैलाने का शुभ कार्य कर सकूँ .

आपके पति के दोस्त जो साईं कृपा से मंदिर निर्माण कार्य करवाने जा रहें है अगर उनको निर्माण एवंग बाबा की प्रतिमा के सम्बन्ध में कुछ भी जानकारी लेने की आवश्यकता पड़े तो मै आपने को सौभाग्यशाली समझूंगा.

धन्यवाद एवंग बाबा सदा आप एवंग आप के परिवार पर सदा अपनी रहमत की वर्षा करते रहें यही मेरी बाबा से प्राथना है.

ॐ साईं राम


Om sai ram

Thank you Pratap ji for offering this help, i will let him know about this..

Babaji bless you always ..

Sai ram


 


Facebook Comments