जय सांई राम
एक माँ ने अपने पुत्र से, जो कि कक्षा 10 का छात्र था, एक प्रश्न किया -
"तमसो मा ज्योतिर्गमय... संस्कृत के इस सद् वाक्य का अर्थ बता सकते हो।"
रात का समय था, संयोग से बिजली भी चली गयी और अंधेरा छा गया।
पुत्र बोला - "हाँ, क्यों नहीं माँ, बहुत आसान है, इसका अर्थ है कि -
माँ, तुम सो जाओ, (तमसो मा) बिजली चली गयी है (ज्योतिर्गमय) "
माता ने झल्ला कर कहा, "तुझे कुछ नहीँ मालूम, कल ठीक से पढ़ कर बताना"
अगले दिन दोपहर का समय था -
माँ - "क्यों बेटा, अब पढ़ लिया, अब तो बताओ कि तमसो मा ज्योतिर्गमय का क्या अर्थ है"
पुत्र - "हाँ, कल कुछ ग़लती हो गयी थी, इसका अर्थ है -
माँ, तुम सो जाओ (तमसो मा), मैं ज्योति के साथ जा रहा हूँ (ज्योतिर्गमय) "
ॐ सांई राम।।।