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Author Topic: श्रद्धा और सबुरी का जीवन में मेह्तब  (Read 16663 times)

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Offline MANAV_NEHA

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श्रद्धा और सबुरी में बहुत गहरा सम्बन्ध है
यह दोनों ही हमे मालिक के करीब लाती है,मालिक को प्राप्त करने का यह मुख्य साधन है
श्रद्धा का अर्थ है विश्वास कि (ईश्वर मे आस्था)अगर दिल में साची श्रद्धा होती है देर से ही सही  मालिक ज़रुर सुनता है,यह नही कि अपना काम पूरा करने के लिए मन में श्रद्धा जगाई और अगर काम पूरा नही हुआ तोह श्रद्धा खत्म कर दी ,यह श्रद्धा नही है श्रद्धा तोह वैह होती है जिसमे कोई इचा करे बगैर सचे मन से  ईश्वर की भक्ति हो , विपरीत परिस्थी में भी आस्था में कमी न आए ,अछा और बुरा जो होता है यह तोह कर्मो का फल है,अगर मन में सची श्रद्धा होगी तोह मालिक जरुर सुनेगा ,एक बार उसने हाथ थाम लिया तोह यह सुख व दुःख कुछ मायने नही रखता उसकी कृपा एक बारी मिल्गयी तोह सारे काम बगरसोचे पूरे हो जायेंगे
वेस्हे ही सबुरी का अर्थ है सबर हमे मन में सबर भी रखना चाहिए.अगर हमने परिश्रम किया है तोह ज़रुर एक न एक दिन हमे उसका फल मिलेगा,चाहे देर से मिले पर जो मालिक की मरजी से मिलता है उसका यश अलग ही होता है
इश्लिये आईये हमसब मिलकर  आज अपने मन में श्रद्धा और सबुरी का साचादीपक जलाये और उसे बाबा के चरणों में समर्पित करे जिसे हमारा जीवन सार्थक हो सके ........ॐ साई राम :-*           
« Last Edit: March 14, 2008, 04:24:46 AM by MANAV_NEHA »
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

Offline etgirl

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sai sai sai sai sai
sai sai sai sai sai
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Offline MANAV_NEHA

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साई रहम नज़र करना बाबा बचों का पालन करना
साई रहम नज़र करना बाबा बचों का पालन करना

साई रहम नज़र करना बाबा बचों का पालन करना
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साई रहम नज़र करना बाबा बचों का पालन करना
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साई रहम नज़र करना बाबा बचों का पालन करना
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साई रहम नज़र करना बाबा बचों का पालन करना
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साई रहम नज़र करना बाबा बचों का पालन करना
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गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

Offline Ramesh Ramnani

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श्रद्धा और सबुरी में बहुत गहरा सम्बन्ध है
यह दोनों ही हमे मालिक के करीब लाती है,मालिक को प्राप्त करने का यह मुख्य साधन है
श्रद्धा का अर्थ है विश्वास कि (ईश्वर मे आस्था)अगर दिल में साची श्रद्धा होती है देर से ही सही  मालिक ज़रुर सुनता है,यह नही कि अपना काम पूरा करने के लिए मन में श्रद्धा जगाई और अगर काम पूरा नही हुआ तोह श्रद्धा खत्म कर दी ,यह श्रद्धा नही है श्रद्धा तोह वैह होती है जिसमे कोई इचा करे बगैर सचे मन से  ईश्वर की भक्ति हो , विपरीत परिस्थी में भी आस्था में कमी न आए ,अछा और बुरा जो होता है यह तोह कर्मो का फल है,अगर मन में सची श्रद्धा होगी तोह मालिक जरुर सुनेगा ,एक बार उसने हाथ थाम लिया तोह यह सुख व दुःख कुछ मायने नही रखता उसकी कृपा एक बारी मिल्गयी तोह सारे काम बगरसोचे पूरे हो जायेंगे
वेस्हे ही सबुरी का अर्थ है सबर हमे मन में सबर भी रखना चाहिए.अगर हमने परिश्रम किया है तोह ज़रुर एक न एक दिन हमे उसका फल मिलेगा,चाहे देर से मिले पर जो मालिक की मरजी से मिलता है उसका यश अलग ही होता है
इश्लिये आईये हमसब मिलकर  आज अपने मन में श्रद्धा और सबुरी का साचादीपक जलाये और उसे बाबा के चरणों में समर्पित करे जिसे हमारा जीवन सार्थक हो सके ........ॐ साई राम :-*           

जय सांई राम।।।

बहुत खूब मानव भाई।  बहुत बढ़िया परिभाषित किया है आपने श्रध्दा और सबूरी का महत्व। काश हर सांई भक्त जलाये अपने मन में श्रध्दा का दीप जिसमें लगी हो सबूरी की बाती और रोशन हो उसके मन का मन्दिर और  खुशहाली हो उसके घर के अन्दर और बाहर।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।
अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

Offline saniya

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  • I LOVE U BABA SAI
OM SAI RAM
OM SAI RAM
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Offline MANAV_NEHA

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श्रद्धा और सबुरी में बहुत गहरा सम्बन्ध है
यह दोनों ही हमे मालिक के करीब लाती है,मालिक को प्राप्त करने का यह मुख्य साधन है
श्रद्धा का अर्थ है विश्वास कि (ईश्वर मे आस्था)अगर दिल में साची श्रद्धा होती है देर से ही सही  मालिक ज़रुर सुनता है,यह नही कि अपना काम पूरा करने के लिए मन में श्रद्धा जगाई और अगर काम पूरा नही हुआ तोह श्रद्धा खत्म कर दी ,यह श्रद्धा नही है श्रद्धा तोह वैह होती है जिसमे कोई इचा करे बगैर सचे मन से  ईश्वर की भक्ति हो , विपरीत परिस्थी में भी आस्था में कमी न आए ,अछा और बुरा जो होता है यह तोह कर्मो का फल है,अगर मन में सची श्रद्धा होगी तोह मालिक जरुर सुनेगा ,एक बार उसने हाथ थाम लिया तोह यह सुख व दुःख कुछ मायने नही रखता उसकी कृपा एक बारी मिल्गयी तोह सारे काम बगरसोचे पूरे हो जायेंगे
वेस्हे ही सबुरी का अर्थ है सबर हमे मन में सबर भी रखना चाहिए.अगर हमने परिश्रम किया है तोह ज़रुर एक न एक दिन हमे उसका फल मिलेगा,चाहे देर से मिले पर जो मालिक की मरजी से मिलता है उसका यश अलग ही होता है
इश्लिये आईये हमसब मिलकर  आज अपने मन में श्रद्धा और सबुरी का साचादीपक जलाये और उसे बाबा के चरणों में समर्पित करे जिसे हमारा जीवन सार्थक हो सके ........ॐ साई राम :-*           

जय सांई राम।।।

बहुत खूब मानव भाई।  बहुत बढ़िया परिभाषित किया है आपने श्रध्दा और सबूरी का महत्व। काश हर सांई भक्त जलाये अपने मन में श्रध्दा का दीप जिसमें लगी हो सबूरी की बाती और रोशन हो उसके मन का मन्दिर और  खुशहाली हो उसके घर के अन्दर और बाहर।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।
THANKS RAMESH JI  :)
 
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
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Offline MANAV_NEHA

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बाबा की कृपा पाने के नौ उपाए जो बहुत सरल है
१ सर्व प्रथम मातापिताह की सेवा
२ सभी में भगवान के सरूप को देखो
३ भूले से भी किसी का बुरा मत करो
४ बडो कों सममान और छोटो को प्यार दो
५ निसदिन केवल १ मिनट के लिए ही पर सचे दिल से भगवान का समरण करो
६ समर्त अनुसार जितना हो सके भुको को भोजन कराओ कम से कम दिन में एक जीव को
७ कमज़ोर की रक्षा करो ,सच का साथ दो
८ अंहकार का त्याग करो
९ वाणी में मधुरता लाकर,कटु वन्च्नो का त्याग करो

मात्र इन उपाय कों प्रयोग में लाने से मन शांत होता है और प्रसन होता है,
मालिक की कृपा पाने का यह एक प्रमुख साधन है
आईये आज हम सब मिलकर इन उपायों कों प्रयोग में लाने का संकल्प करे......ॐ साई राम :-*     
« Last Edit: February 27, 2008, 01:35:35 PM by MANAV_NEHA »
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
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Offline Dnarang

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OM SAINATHAYA NAMAH:
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Mere Sai ki Deepali

श्री साईनाथ । आपके ऋण हम किस प्रकार चुका सकेंगें । आपके श्री चरणों में हमारा बार-बार प्रणाम है । हम दीनों पर आप सदैव कृपा करते रहियेगा, क्योंकि हमारे मन में सोते-जागते हर समय न जाने क्या-क्या संकल्प-विकल्प उठा करते है । आपके भजन में ही हमारा मन मग्न हो जाये, ऐसा आर्शीवाद दीजिये ।

Baba mujh Dasi ko apne Charankamalon ki Sheetal Chaaya me Sthan de do.

Offline MANAV_NEHA

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ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;  ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;  ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;  ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;  ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
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ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;  ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई; ॐ साँई श्री साँई जय जय साँई;
     
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

Offline tana

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  • ~सांई~~ੴ~~सांई~
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बाबा की कृपा पाने के नौ उपाए जो बहुत सरल है
१ सर्व प्रथम मातापिताह की सेवा
२ सभी में भगवान के सरूप को देखो
३ भूले से भी किसी का बुरा मत करो
४ बडो कों सममान और छोटो को प्यार दो
५ निसदिन केवल १ मिनट के लिए ही पर सचे दिल से भगवान का समरण करो
६ समर्त अनुसार जितना हो सके भुको को भोजन कराओ कम से कम दिन में एक जीव को
७ कमज़ोर की रक्षा करो ,सच का साथ दो
८ अंहकार का त्याग करो
९ वाणी में मधुरता लाकर,कटु वन्च्नो का त्याग करो

मात्र इन उपाय कों प्रयोग में लाने से मन शांत होता है और प्रसन होता है,
मालिक की कृपा पाने का यह एक प्रमुख साधन है
आईये आज हम सब मिलकर इन उपायों कों प्रयोग में लाने का संकल्प करे......ॐ साई राम :-*     

ॐ साईं राम~~~

मानव~~~बहुत अच्छा ~~~ Gr8 bhai~~~

जय साईं राम~~~
"लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

" Loka Samasta Sukino Bhavantu
Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

Offline MANAV_NEHA

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गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


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Offline MANAV_NEHA

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साई की है महिमा इतनी न्यारी
जिस पर नाज़ करती है यह दुनिया सारी
तेरी कृपा की है अब आशा
तेरे रूप को देखने की है अभिलाषा
कब हमारा मनोरत सिद्ध होगा
कब इन आखो को तेरा दर्श होगा
तुझ में है यह जग समाया
तेरे दर से न कोई खाली आया
सबके ह्रदय की बात तू जाने
सबके मन में तू विराजे
कण कण में तेरा वास है
तेरी करुना का न कोई पार है
तेरी महिमा है इतनी न्यारी
जिसपे नाज़ करती है यह दुनिया सारी.......ॐ साई राम   
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


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Offline MANAV_NEHA

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ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
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ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
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ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
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ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
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ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
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ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
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ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
ॐ श्री साईं नाथाय् नमः।
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
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तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


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Offline meghadeep

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sai ram

kisi ne phool se puchcha,tune sabko khushboo di per tujhe kya mila.........?
muskarate hue phool ne kaha,lena dena to vyapaar hai,jo de kar kuchch na mange wo hi pyaar hai..............!

Baba hamesha dusron ke liye chintit rehte thye or hamesh sabki madad karte the,jo wo aaj bi karte hai,per badle mein kabhi bhi unhone apna swarth nahi chaha.....hamesh apne bhakto ko pyaar diya.
hey '''sai maa'''aap antaryaami ho aap sab achcha hi karte ho.
apne bhakton ko shradha or saburi do,jisse hum sab bina kuchch mangne ki ichcha se aapko yaad kar sakein.............aap se pyaar kar sakein.............mere baba hamare pichle karmo ke anusaar yadi hamein dukh bhi dekhna hai to,hamare man ko shant rakhna,hamesha jivan ke satye ko hamare saath rakhna.......taki hum sab niswarth bhav se aapko yaad kar sakein..............sai ma sabki raksha karna.................mere sai

Offline MANAV_NEHA

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sai ram

kisi ne phool se puchcha,tune sabko khushboo di per tujhe kya mila.........?
muskarate hue phool ne kaha,lena dena to vyapaar hai,jo de kar kuchch na mange wo hi pyaar hai..............!

Baba hamesha dusron ke liye chintit rehte thye or hamesh sabki madad karte the,jo wo aaj bi karte hai,per badle mein kabhi bhi unhone apna swarth nahi chaha.....hamesh apne bhakto ko pyaar diya.
hey '''sai maa'''aap antaryaami ho aap sab achcha hi karte ho.
apne bhakton ko shradha or saburi do,jisse hum sab bina kuchch mangne ki ichcha se aapko yaad kar sakein.............aap se pyaar kar sakein.............mere baba hamare pichle karmo ke anusaar yadi hamein dukh bhi dekhna hai to,hamare man ko shant rakhna,hamesha jivan ke satye ko hamare saath rakhna.......taki hum sab niswarth bhav se aapko yaad kar sakein..............sai ma sabki raksha karna.................mere sai
BAHUT BADIYA LIKHA AAPNE MEGHA JI
THANKS
SAI RAM :)
गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥


सबका मालिक एक

 


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